Ratan Tata Passes Away: रतन टाटा बेशक इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वह हमेशा भारतीयों के दिल में जिंदा रहेंगे। रतन टाटा ही थे जिन्होंने टाटा ग्रुप का ग्लोबलाइजेशन करने के साथ-साथ टेटली लैंड रोवर और कोरस जैसी विदेशी कंपनियां को इंडियन ब्रांड बना दिया। आइए जानें कैसे...

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Ratan Tata Passes Away: भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा ने दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की। रतन टाटा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। वह देश ही नहीं दुनिया के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक थे। रतन टाटा ने हमेशा से सादगी से जीवन जिया। रतन टाटा ने शालीनता और ईमानदारी के बल पर लोगों के दिल पर अपनी एक अलग ही छवि बनाई।

ग्लोबल लेवल पर इंडिया का नाम हुआ
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप को एक नई पहचान मिली है। रतन टाटा के पास 30 से अधिक कंपनियां थीं। इसके अलावा टाटा समूह के चेयरमैन रहते रतन टाटा ने केवल नौ सालों में एक दो नहीं बल्कि 20 से ज्यादा कंपनियों का अधिग्रहण किया। इसमें ग्लोबल लेवल फेमस टेटली, जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी कई बड़ी विदेशी कंपनियां शामिल हैं। उनके नेतृत्व ये विदेश कंपनियां भारतीयों के बीच पूरी तरह छा गईं, वहीं ग्लोबल लेवल पर इंडिया का नाम हुआ।

टेटली, लैंड रोवर और कोरस जैसी कंपनियां
सबसे पहले रतन टाटा ने 2000 में चाय कंपनी टेटली का अधिग्रहण किया। इसके बाद टाटा स्टील ने साल 2008 में अपने से ज्यादा बड़ी कंपनी कोरस का अधिग्रहण किया। कोरस तब यूरोप की सबसे बड़ी स्टील उत्पादन कंपनी थी। इसके अलावा 2008 में ही टाटा मोटर्स ने फोर्ड मोटर कंपनी से जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया। बतादें कि रतन टाटा को तमाम उतार-चढ़ाव भी देखने पड़े लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। वह हमेशा कुछ कर गुजरने की चाह में रहते थे।

Posted By: Shweta Mishra