Ranjeet Bachchan Murder: प्रेमी के लिए दूसरी पत्नी स्मृति छोड़ना चाहती थी साथ, OLX पर हुई थी मुलाकात
लखनऊ(ब्यूरो)। Ranjeet Murder Case रणजीत बच्चन तथाकथित हिंदूवादी नेता रणजीत बच्चन की हत्या उसकी दूसरी पत्नी स्मृति उनसे तलाक लेना चाहती थी। वह अपनी नई जिंदगी प्रेमी दीपेंद्र के साथ शुरू करना चाहती थी। इसको लेकर स्मृति ने 2019 में तलाक के लिए फैमिली कोर्ट में केस भी किया था। 27 जनवरी को फैमिली डेट लगी थी, जिसमें हर बार की तरफ रणजीत नहीं पहुंचा था। कोर्ट ने 10 फरवरी को आगे की डेट दे दी थी। रणजीत किसी भी हालत में स्मृति को छोड़ना नहीं चाहता था, लेकिन स्मृति उससे पीछा छुड़ाना चाहता थी। मैरिज एनिवर्सिरी को रणजीत एक पार्टी करना चाहता था और उसमें स्मृति को शामिल होने का दबाव भी बना रहा था। 17 जनवरी को उसकी मुलाकात सिकंदर बाग चौराहे पर स्मृति से हुई थी। इस दौरान दोनों में बहस होने पर रणजीत ने स्मृति को थप्पपड़ मार दिया था। इस शिकायत स्मृति ने दीपेंद्र से की थी और उसी दिन से दीपेंद्र ने रणजीत को रास्ते से हटाने का फैसला किया था।
ओएलएक्स के जरिए हुई थी मुलाकातरणजीत और स्मृति की मुलाकात ओएलएक्स के एक विज्ञापन के चलते हुई थी। स्मृति के पिता ने एक कार बेचने के लिए उसे ओएलएक्स पर डाला था। कार खरीदने के लिए रणजीत ने संपर्क किया और दोनों की मुलाकात हुई। दोनों अक्सर मिलने लगे और एक वर्ग जाति के होने के चलते रणजीत ने शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्मृति ने स्वीकार कर लिया था।
Ranjeet Bachchan Murder: 80 घंटे में सुलझी गुत्थी, दूसरी पत्नी स्मृति ने प्रेमी संग मिलकर रची थी हत्या की साजिश तीन केस दर्ज कराए थे पति के खिलाफशादी के बाद रणजीत की पहली शादी, कई महिलाओं से संबंध और उसकी हरकतों की जानकारी होने पर स्मृति उससे रिश्ता खत्म करना चाहती थी। इसे लेकर दोनों के बीच काफी दिनों तक मनमुटाव भी चलता रहा। वर्ष 2016 में स्मृति व उसकी मां की तरफ से विकासनगर थाने में तीन केस दर्ज कराए गए थे। रणजीत ने घर में घुसकर उसकी और उसके किराएदार की गाड़ी में आग लगा दी थी और मारपीट की थी। हालांकि कुछ दिन बाद दोनों में समझौता हो गया और केस में फाइनल रिपोर्ट लग गई।छेड़छाड़ के साथ दुष्कर्म केस दर्ज करायारणजीत के खिलाफ गोरखपुर के शाहपुर थाने में एक महिला ने छेड़छाड़ के साथ दुष्कर्म केस दर्ज कराया था। इसमें कोर्ट में उसे दोषी भी करार दिया गया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। उधर, रणजीत ने सपा का दामन छोड़ खुद को हिंदूवादी नेता बताकर भगवा धारण कर लिया था और खुद की राष्ट्रीय हिंदू महासभा का अध्यक्ष घोषित कर दिया था। हालांकि इस पार्टी का आज तक रजिस्ट्रेशन नहीं है। वह सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार करता रहा।