Ram Navami 2021: राम नवमी पर ऐसे मनाएं प्रभू श्रीराम का जन्मदिन, जानें व्रत, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
पंडित राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Ram Navami 2021: चैत्र माह के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में सूर्यवंश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था।नवमी तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र मिलने पर ही यह पर्व होता है, पुनर्वसु नक्षत्र के न मिलने पर यदि दोपहर में नवमीं मिले तो यह पर्व मनाया जाता है। इस बार 21 अप्रैल 2021,बुधवार को मध्यान्ह व्यापिनी तिथि राम नवमी है।इस दिन नवमी तिथि पूरे दिन रात रहेगी। इस दिन पुष्य नक्षत्र सूर्योदय से प्रातः काल 7:58 बजे तक रहेगा तत्पश्चात अश्लेशा नक्षत्र आरम्भ होगा। कर्क लग्न प्रातः काल 8:47 बजे से पूर्वाह्न 11:01 बजे तक रहेगी।इसी कर्क लग्न में श्रीराम जन्मोत्सव मनाने का विधान है।पूजन विधि-विधान
राम नवमी के दिन व्रती को स्नानादि करके संकल्प करना चाहिए। भगवान राम,माता सीता व लक्ष्मण की मूर्तियों का पूजन षोडशोपचार से करना चाहिए।पूजा में रोली,कुंकुम, चावल,फूल,घंटी,शंख आदि का प्रयोग कर जल अर्पित करें।इसके बाद मुट्ठी भर चावल चढ़ाएं और आरती करे। व्यवसायी जन स्थिर लग्न में करें खाता पूजन
इस दिन प्रातः कालीन स्थिर लग्न वृष लग्न प्रातः काल 6:50 से 8:48 बजे तक रहेगी। इस लग्न में लाभ-अमृत की संयुक्त बेला प्राप्त हो रही है। द्वितीय स्थिर लग्न मुहूर्त सिंह लग्न अपराह्न 1:18 बजे से 3:35 बजे तक रहेगी।इस लग्न में सभी ग्रहों की अनुकूलता प्राप्त रहेगी।चंद्र द्वादश होने से चंद्र का उपाय करना उचित रहेगा।निम्न चौघड़िया मुहूर्त में भी कर सकते हैं खाता पूजन प्रातः काल 5:55 बजे से 9:50 बजे तक लाभ-अमृत का चौघड़िया मुहूर्त, प्रातः काल 10:45 बजे से मध्यान्ह 12:20 बजे तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त, अपराह्न 3:35 बजे से 6:56 बजे तक चार- लाभ नामक चौघड़िया मुहूर्त तथा रात्रि 8:25 बजे से रात्रि 9:35 बजे तक शुभ नामक चौघड़िया मुहूर्त रहेगा। इन शुभ मुहूर्तों में गणेश,लक्ष्मी एवं कुबेरादि का पूजन कर लाभ अर्जित कर सकते हैं।