राम कपूर को क्यों भाती हैं फ़िल्में
'रिश्ते', 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी', 'कसम से' और 'बड़े अच्छे लगते हैं' जैसे टीवी सीरियलों के ज़रिए राम कपूर ने टीवी के दर्शकों के बीच में लोकप्रियता हासिल की.लेकिन अब राम कपूर टीवी पर सीरियलों में काम करने के उतने इच्छुक नहीं है क्योंकि वो मानते हैं कि टीवी पर चुनौतीपूर्ण रोल बहुत कम मिलते हैं और रचनात्मकता की सख्त कमी है.
बीबीसी से बात करते हुए राम कपूर ने कहा, "मैं करियर की शुरुआत से ही बड़ा चूज़ी रहा हूं. बहुत चुनकर काम करता हूं. मैं सिर्फ़ अच्छा काम करना चाहता हूं. इसलिए कम काम करता हूं."
'फ़िल्मों में मिलता है ज़्यादा पैसा'
पिछले कुछ समय से उन्हें फ़िल्मों में अहम रोल मिल रहे हैं. एक ये वजह भी है उनके टीवी पर कम काम करने की. राम कपूर ने कहा, "देखिए दो-तीन फ़िल्मों में काम करके मैं साल में जितना कमा लेता हूं उसके लिए मुझे डेली सोप्स में साल भर काम करना पड़ेगा. तो क्यों ना मैं फ़िल्में ही चुनूं, क्योंकि अच्छा काम करने के साथ-साथ परिवार को भी वक़्त देना ज़रूरी है."
राम कपूर के मुताबिक़, टीवी पर कई कलाकार दिन में कई-कई घंटे काम करते हैं, जिससे उनका निजी जीवन भी प्रभावित होता है. उनके अनुसार वो ये नहीं करना चाहते.
'टीवी से तौबा नहीं'
राम कपूर के पिता एक बड़े कारोबारी हैं. राम उनके इकलौते बेटे हैं. वो कहते हैं, "पैसे की मुझे कभी तंगी नहीं थी. मैं पैसे कमाने के लिए एक्टर नहीं बना. ये मेरा जुनून था. मैं भाग्यशाली हूं कि अपने लिए एक मुक़ाम बना पाया. वरना मुझसे भी कहीं ज़्यादा प्रतिभाशाली कलाकारों ने मेरे साथ काम किया, लेकिन शायद वो इतने ख़ुशनसीब नहीं थे."
'परिवार भी अहम'
राम कपूर का एक बेटा और एक बेटी है. वो कहते हैं, "मैं साल में चार बार बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने जाता हूं. मेरी बीवी पूरे परिवार का शानदार तरीक़े से ख़्याल रखती है."
निर्देशक साजिद ख़ान के बारे में राम कपूर ने बताया कि वो उनके बचपन के दोस्त हैं और जब उन्होंने 'हमशकल्स' में काम करने का प्रस्ताव दिया तो राम कपूर ने कहानी सुने बिना हां कर दी. इस फ़िल्म में राम कपूर ने ट्रिपल रोल किया है और उन्हें लड़की भी बनना पड़ा.