सोशल मीडिया से पकड़े जाएंगे जहरखुरान
-जीआरपी ने पैसेंजर्स संग होने वाली घटनाओं पर लगाम के लिए बनाया नया प्लान
-जीआरपी के ऑफिसियल एफबी, वाट्सएप ग्रुप और ट्वीटर से जोड़ेंगे पैसेंजर्स व पब्लिक varanasi@inext.co.in VARANASI समर सीजन शुरू होते ही ट्रेंस में जहरखुरान कुछ ज्यादा ही पैसेंजर्स पर वार करते हैं. रेलवे पुलिस जहरखुरानों पर लगाम के लिए अभियान भी चलाती है. बावजूद इसके आये दिन पैसेंजर्स शिकार हो जाते हैं. जीआरपी ने जहरखुरानों पर कार्रवाई के लिए सोशल मीडिया को हथियार बनाया है. इसके तहत पैसेंजर्स सहित पब्लिक को जीआरपी के ऑफिशियल फेसबुक पेज, वाट्सएप नंबर, ट्वीटर व इंस्ट्राग्राम हैंडल से जुड़ने के लिए कैंपेन चला रहा है. जिससे लोग आसानी से जहरखुरानों और क्रिमिनल्स की सूचना दे सकें. लूटपाट से पथराव तकइधर बीच कैंट स्टेशन पर विभिन्न शहरों से पहुंचने वाली ट्रेंस में पैसेंजर्स से लूटपाट, मारपीट, छेड़खानी व दुर्व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं. यही नहीं क्रिमिनल्स आए दिन ट्रेंस पर पथराव भी कर रहे हैं. ट्रेंस रोककर लूटपाट करने जैसी घटनाएं भी हो रही हैं. इसे रोकने के लिए यह कवायद की गयी है. सोशल मीडिया के थ्रू अब जीआरपी ऐसे तत्वों की पहचान कर सकेगी. खासतौर से ट्रेंस में पैसेंजर बनकर चलने वाले जहरखुरानों को इससे पकड़ने में बहुत मदद मिलेगी. कैंट जीआरपी के दायरे में एनईआर के प्रयागराज रूट पर भीटी तक, जंघई रूट पर मुंगराबादशाहपुर तक, प्रयागराज के फूलपुर रूट पर उग्रसेनपुर तक और इधर मुगलसराय रूट पर ब्लॉक हट-बी तक का रेलवे ट्रैक आता है. ट्रेनों पर पथराव, बीच रास्ते ट्रेन में यात्रियों के साथ मारपीट, छेड़खानी और लूटपाट के मामलों में तात्कालिक सूचना और स्थानीय पुलिस की मदद से ट्रेनों में अपराध करने वालों को पकड़ने में सोशल मीडिया काफी मददगार होगा.
पुलिस से गैंगमैन तक कैंट जीआरपी इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे के मुताबिक डिपार्टमेंट के सोशल मीडिया हैंडल से ट्रैक किनारे स्थित गांवों के प्रधान, संभ्रांत लोगों, आरपीएफ, पीडब्ल्यूआई, गैंगमैन, स्टेशन मास्टर व स्थानीय पुलिस को भी जोड़ा जायेगा. जो समय रहते घटनाओं को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स की सूचना दे देंगे. जिन्हें घटना के बाद पकड़ा जा सकेगा. वर्जन--- पैसेंजर्स से मारपीट, लूटपाट, जहरखुरानी व छेड़खानी सहित ट्रेन पर पथराव रोकने के लिए जीआरपी ने यह प्लान बनाया है. जिससे घटनाओं को अंजाम देने वालों को पहचानना आसान हो जाएगा. हिमांशु कुमार, एसपी जीआरपी