ट्राई ने एयरटेल के वीओआईपी कॉल चार्जेस प्लान को सही ठहराया
अभी कोई कानून नहीं बनादूरसंचार नियामक प्राधिकरण के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने कहा है कि अगर कंपनी इंटरनेट के नियमों के खिलाफ जाती है तो उस पर विचार होना चाहिए, जब कि कंपनी के इस फैसले में ऐसा नहीं है. कंपनी का यह प्लान किसी न्यूट्रेलिटी को भी नहीं शो कर रहा है. बस कंपनी वीओआईपी शुल्क के लिए अलग से डाटा पैक से अलग करके अतिरिक्त शुल्क लागू कर रही है. जिसमें स्काईप, वाइबर और लाइन जैसी कम्यूनिकेशन एप्स इंटरनेट वॉयस कॉल सर्विस शामिल है. ट्राई का कहना है कि अभी इस दिशा में कोई कानून भी नहीं बना है.कंपनियों से होगा विचार विमर्श
चेयरमैन राहुल कुमार खुल्लर के मुताबिक ट्राई ओवर द टॉप वाइबर, स्काइप को नियमों के दायरे में लाने के लिए विचार करेगी. इसके लिए सभी टेलीकॉम कंपनियों से बैठक कर विचार विमर्श किया जाएगा. अगर टेलीकॉम कंपनियां इस पर सपोर्ट करती है तो इन्हें ओवर द टॉप प्लेयर्स को दायरे में लाया जाएगा अन्यथा नहीं. साथ ही उन्होंने नेट न्यूट्रेलिटी का मतलब स्पष्ट करते हुए कहा कि सारे डाटा सर्विस एक समान होनी चाहिए. कंपनी ग्राहकों को अच्छी सर्विस नहीं दे रही है. कंपनी के चार्ज तो हाई हैं लेकिन उसकी सर्विस बिल्कुल खराब है और ग्राहक सटिस्फाई नही हैं. ऐसे में कंपनी नेट न्यूट्रेलिटी कर रही है.ओटीटी प्लेयर्स सिर्फ कम्यूनिकेशन के लिएराहुल खुल्लर ने कहा कि ओटीटी प्लेयर अगर रेगुलेशन के अंडर में लायी गईं तो उनके लिए नामर्स और लाइसेंस आदि तय होंगे. उन्हें सरकार की शेयर पॉलिसी शुल्क आदि का भुगतान करना होगा. ओटीटी प्लेयर को मोबाइल आपरेटर्स की तरह ही एंट्री फीस और शेयर के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. उन्होंने फ्रांस के साथ दूसरे यूरेपियन देशों का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि वहां पर ओटीटी प्लेयर के को रेगुलेटेड कर दिया गया है. ओटीटी प्लेयर का उपयोग सिर्फ कम्यूनिकेशन के लिए होता है और व्यवसायिक तौर पर विज्ञापन के लिए फेसबुक का यूज होता है. इसके लिए चार्ज भी निर्धारित कर रखे हैं. इसके साथ्ा ही उन्होंने यह भी कहा कि वीओआईपी के लिए एक्स्ट्रा चार्ज लागू हो जाने के बाद से डाटा पैक के चार्जेस नहीं देने होंगे. वॉइस काल्स के लिए अलग से चार्जेस का पे करना होगा. इसके लिए कंपनी ने चार्ज भी निधारित कर दिए हैं.
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