श्रीलंका दौरे पर जाने वाली नई टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ हैं। भारत बनाम श्रीलंका के बीच जुलाई में सीमित ओवरों की सीरीज खेली जाएगी। जिसमें टीम की कमान शिखर धवन के हाथों में होग वहीं कोच द्रविड़ होंगे। पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का कहना है कि उनकी कोचिंग में हर खिलाड़ी को मैच खेलने का अवसर मिलता है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। पूर्व भारतीय कप्तान और एनसीए के निदेशक राहुल द्रविड़ को युवा क्रिकेटरों को उभारने का पूरा श्रेय दिया जाता है।
अंडर-19 और ए स्तर पर भारत के पास प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं और इसकी वजह द्रविड़ की सोच है। इन टीमों के साथ कोच के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि दौरा करने वाले प्रत्येक क्रिकेटर को कम से कम एक मैच जरूर खेलने को मिले। द्रविड़ शिखर धवन की अगुवाई वाली उस भारतीय टीम के मुख्य कोच होंगे जो अगले महीने सफेद गेंद की श्रृंखला के लिए श्रीलंका का दौरा करेगी।

भारतीय जूनियर क्रिकेटर्स को निखारा
द्रविड़ को यह जिम्मेदारी इसलिए भी दी गई क्योंकि उन्होंने भारत की जूनियर टीम के खिलाड़ियों को खूब निखारा है। द्रविड़ ने ईएसपीएन क्रिकइंफो की 'द क्रिकेट मंथली' में कहा, "मैं उन्हें (युवा क्रिकेटरों को) पहले ही बता देता हूं, अगर आप मेरे साथ ए टूर पर आते हैं, तो आप बिना गेम खेले यहां से नहीं जाएंगे। एक बच्चे के रूप में मेरा खुद का व्यक्तिगत अनुभव रहा है कि ए टूर पर जाना और खेलने का मौका नहीं मिलना काफी कष्टदायी होता है।"

हर प्लेयर को मिलना चाहिए मौका
राहुल द्रविड़ आगे कहते हैं, "आपने घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है, आपने 700-800 रन बनाए हैं। फिर आप अंडर 19 टीम में जाते हैं, और आपको यह दिखाने का मौका नहीं मिलता है कि आप कितने अच्छे हैं। और फिर आप चयनकर्ताओं की नजर में नहीं आ पाते। बाद में आपको अगले सीजन में फिर से 800 रन बनाने पड़ते हैं।' द्रविड़ कहते हैं, "ऐसा करना आसान नहीं है, इसलिए इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपको फिर से मौका मिलेगा। इसलिए आप लोगों को पहले ही बता दें। यह सर्वश्रेष्ठ 15 टीम है और हम उनके साथ खेल रहे हैं। यह सर्वश्रेष्ठ इलेवन के बारे में नहीं है। हम टूर पर कम से कम पांच-छह बदलाव जरूर करते हैं।'

याद किए पुराने दिन
द्रविड़ ने कहा कि भारतीय क्रिकेटर अब दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में शामिल हैं, लेकिन एक समय था जब उन्हें फिटनेस के बारे में आवश्यक ज्ञान नहीं था और वे अधिक एथलेटिक ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अफ्रीका से ईर्ष्या करते थे। अब राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रभारी, द्रविड़ ने अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों और एक रिजर्व पूल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने खेल के दिनों में, द्रविड़ ने कहा कि हमारे समय में जागरूकता नहीं थी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari