Movie preview : 1947 विभाजन के दौरान सुनने को मिला बेटियों की परवरिश का अनोखा 'किस्सा'
बेटा-बेटी को लेकर तैयार हुआ नया किस्सा
भारत-पाक विभाजन के चलते अंबर सिंह (इरफान खान ) अपने घर को छोड़कर परिवार के साथ किसी सुरक्षित जगह पर आ जाता है. फिर अंबर का परिवार बढ़ता है, फिल्म में असल ट्विस्ट तब आता है जब अंबर की चौथी संतान भी बेटी होती है और उसकी पहचान छिपाए रखने के लिए उसे बेटा बनाकर रखा जाता है. इस किरदार में एक्ट्रेस तिलोत्तमा सोम नजर आएंगी. इस फिल्म में दिल झकझोरने वाले कई सीन मौजूद हैं. जोकि आपको काफी इमोशनल कर सकते हैं. हालांकि इस फिल्म को डायरेक्ट करने वाले अनूप सिंह, एक स्वतंत्र निर्देशक के तौर पर जाने जाते हैं और उन्होंने अपनी इस शैली को बरकरार करते हुये यह नया किस्सा बना दिया. उन्होंने इस फिल्म के माध्यम से समाज के उस वर्ग को आइना दिखाया है, जो आज भी बेटों की चाहत में फूल जैसी बच्चियों को तिरस्कृत करते हैं. अब ऐसे में यह किस्सा आपके मन में कहीं न कहीं जिंदा रह सकता है.
पंजाबी लुक में इरफान खान
बॉलीवुड में ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे, जोकि इरफान खान की एक्टिंग की तारीफ न करें. डॉयलाग डिलीवरी हो या फिर गंभीर रोल, इरफान सभी सांचे में एकदम फिट हो जाते हैं. इसी के चलते फिल्म किस्सा में वह पंजाबी लुक में नजर आने वाले हैं. इरफान इसमें पंजाबी उबेर सिंह की भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि शूटिंग की शुरुआत में उन्हें पंजाबी बोलने में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन धीरे-धीरे वह रंग में आ गये. वहीं इरफान का कहना था कि, उन्हें इस भाषा को बोलने में बहुत मजा आने लगा था. इस फिल्म की कहानी भी अनूप सिंह ने लिखी है. अब अगर आप इरफान खान के फैन हैं, तो समझ लीजिये कि आपके मन में इस पसंदीदा एक्टर के लिये प्यार का लेवल बढ़ना तय है. वहीं डायरेक्टर अनूप ने बताया, फिल्म देश विभाजन से शुरू होती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया, फिल्म बहुत आसानी से हमारे इतिहास और हमारी अंतरात्मा में हमारी पहचान की सीमाओं की पुनर्कल्पना की यात्रा का प्रयास करती है.
कलात्मक फिल्मों में छायी रहीं टिस्का
मशहूर लेखक व पत्रकार स्व. खुशवंत सिंह की प्रपौत्री और अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने फिल्म व टीवी दोनों ही माध्यमों में काम किया है. टिस्का चोपड़ा हमेशा चुनिंदा फिल्मों में ही काम करती रहीं. उन्होंने अपने करियर में अब तक जो भी काम किया है, वह बहुत ही उम्दा किया है. हर बार उनके काम की तारीफ हुई है. यह एक अलग बात है कि वह बहुत कम फिल्मों में नजर आती हैं. हालांकि अब टिस्का का कहना है कि, वह कमर्शियल फिल्मों को ज्यादा प्राथमिकता दूंगी. मैंने कलात्मक फिल्में बहुत कर लीं. अब चाहती हूं कि कुछ कमर्शियल फिल्में की जाएं, लेकिन मैं छोटे बजट वाली बेहतरीन फिल्में हमेशा करती रहूंगी, पर साथ ही अब हर तरह की फिल्मों के बीच बैलेंस बनाना चाहती हूं.