करतारपुर/पाक कॉरिडोर : पाकिस्तानी जनरल से मिला भारत का दुश्मन
करतारपुर (पीटीआई)। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के बहाने पाकिस्तान ने भारत से प्यार तो जताने की कोशिश की। लेकिन उसका दोहरा चेहरा लोगों के सामने आ गया। समारोह में जहां एक ओर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत प्रेम झलकाते हुए मजबूत रिश्तों की बात कही। वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम में भारत का दुश्मन, खालीस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला भी नजर आया। वह पाक के आर्मी चीफ जनरल बाजवा से हाथ मिलाते हुए देखा गया। बुधवार को पाकिस्तान में भी सीमा के निकट स्थित करतारपुर साहिब कॉरिडोर की नींव डाल दी गई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर का शिलान्यास किया। इस समारोह के लिए पाकिस्तान ने नवजोत सिंह सिद्धू, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, सुषमा स्वराज समेत कई लोगों को निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन सुषमा और अमरिंदर ने कार्यक्रम में जाने से मना कर दिया था। अलगाववादी आए नजर
भारत-पाक सीमा पर आयोजित समारोह में खालिस्तानी अलगाववादियों की भी मौजूदगी रही। कार्यक्रम के दौरान खालिस्तानी नेता गोपाल चावला पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा के साथ नजर आया। चावला और बाजवा की तस्वीरों को पाक के टीवी चैनल पीटीवी ने भी प्रसारित किया। गौरतलब है कि करतार कॉरिडोर के समारोह में शामिल होने के पाकिस्तान ने सिद्धू को निमंत्रण भेजा था। सिद्धू इसे स्वीकारते हुए पाकिस्तान पहुंचे। वहीं, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने इस कार्यक्रम से किनारा कर लिया था।इमरान का झलका भारत प्रेमइमरान ने समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों एटमी ताकत वाले देश हैं। इनके बीच कभी जंग नहीं हो सकती। दोनों के बीच कश्मीर का मसला उलझा है। दुनिया चांद पर पहुंच गई है और हम कश्मीर पर अटके हैं। हम भारत के साथ मजबूत रिश्ते चाहते हैं। भारत को ये सोचना चाहिए कि हमारे पास कितनी संभावनाएं हैं। दोनों देश तब तक आगे नहीं बढ़ सकते, जब तक हम अतीत की जंजीरें नहीं तोड़ेंगे। इसके बाद सिद्धू को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि जब सिद्धू शपथ ग्रहण समारोह के बाद वापस गए तो उनकी बहुत आलोचना हुई। मुझे नहीं पता कि उनकी आलोचना क्यों की गई थी। वह सिर्फ दो देशों के बीच शांति के बारे में बात कर रहे थे।
नवजोत सिद्धू ने इस मौके पर बोलते हुए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के कसीदे गढ़े। उन्होंने कहा कि इस कॉरिडोर के जरिए दोनों देशों को एक साथ लाने के लिए इतिहास इमरान खान को याद रखेगा। इससे इमरान खान ने 70 वर्षों के इंतजार को खत्म कर दिया है।
करतारपुर साहिब गलियारा खोलने का फैसला बहुत बड़ी राहत है। न केवल पिछले 70 साल से इस फैसले का इंतजार कर रहे सिख श्रद्धालु इस फैसले से गदगद हैं बल्कि भारत-पाकिस्तान के ठंडे पड़ते रिश्तों में भी इससे नई गरमाहट आ सकती है। करतारपुर साहिब सिखों के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में शुमार होता है। यह स्थान भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है और इतनी सी दूरी के चलते भारतीय सिखों को दूरबीन से अपने इस पवित्र गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके संतोष करना पड़ता था। दोनों देशों में बनी नई सहमति के अनुसार भारत सरकार गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण करेगी श्रद्धालुओं को सीमा पर स्लिप दी जाएगी, जिसके आधार पर वे करतारपुर साहिब तक आसानी से पहुंचेंगेऔर दर्शन करके शाम तक वापस लौट आएंगे।