'मिशन यूपी' : प्रियंका के इस मास्टर प्लान से बिगड़ेंगे सियासी समीकरण, विपक्षी दलाें के बड़े नेता कांग्रेस में हो सकते शामिल
- प्रियंका के 'मिशन यूपी' शुरू होने के साथ बिगड़ेंगे सियासी समीकरण
- राजधानी में रोड शो से होगी शुरुआत, लालबाग में करेंगी जनसभा
- विपक्षी दलों के कई बड़े नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा
फैक्ट फाइल
- 10.20 बजे सुबह आज नई दिल्ली से यहां पहुंचेंगी
- 20 किमी का होगा प्रियंका का रोड शो
- 100 प्वाइंट पर एयरपोर्ट से लेकर कांग्रेस दफ्तर तक होगा स्वागत
- 05 घंटे के रोड शो के बाद प्रियंका पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगी
- 01 रथ खास तौर से पंजाब से मंगाया गया
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LUCKNOW: आज सुबह करीब 10:20 पर नई दिल्ली से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिमी यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा तमाम बड़े नेताओं के साथ प्रियंका अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेगी जहां उनका प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ स्वागत करेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी का करीब बीस किमी का रोड शो शुरू होगा जो राजधानी के मुख्य मार्गों से होता हुआ कांगे्रस दफ्तर तक पहुंचेगा। इस दौरान लालबाग चौराहे पर वह एक जनसभा को भी संबोधित करेंगी। प्रियंका के रोड शो के लिए पंजाब से खास तौर पर रथ मंगाया जा चुका है। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम दिग्गजों ने राजधानी में डेरा डालना शुरू कर दिया है।
जगह-जगह होगा स्वागत
प्रियंका, राहुल और ज्योतिरादित्य के स्वागत के लिए अमौसी से लेकर कांग्रेस दफ्तर तक सौ प्वाइंट तय किये गये है जिनमें प्रत्येक जिले और कई राज्यों की ओर से उनका स्वागत किया जाना है। यह भी तय हो चुका है कि प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया राजधानी के ताजमहल होटल में रुकेंगे। इसके लिए कांग्रेस ने नई दिल्ली से ही तमाम कमरे बुक करा लिए हैं। करीब पांच घंटे के रोड शो के बाद प्रियंका पार्टी मुख्यालय में ही देर रात तक पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी। वहीं अगले तीन दिन तक वह लोकसभा क्षेत्रवार बुलाए गये पूर्व सांसद, पूर्व एवं वर्तमान विधायक, पार्टी के जिलाध्यक्ष आदि से मिलेंगी और उनसे चुनावी रणनीति के बारे में चर्चा करेंगी। इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ उनके लंच का कार्यक्रम भी तय किया गया है। प्रियंका के स्वागत के लिए प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को दुल्हन की तरह सजाया जा चुका है। दफ्तर के अंदर और बाहर होर्डिंग्स और कट-आउट लगाए जा रहे हैं।
आने से पहले 'हमला'
प्रियंका ने यूपी में कदम रखने से पहले जहरीली शराब से हुई मौतों की घटना पर बयान देकर सियासी गर्माहट बढ़ानी शुरू कर दी है। रविवार को जारी अपने बयान में उन्होंने कहा कि 'मैं यह जानकर स्तब्ध और दुखी हूं कि जहरीली शराब से उत्तराखंड और यूपी के सहारनपुर, कुशीनगर में 100 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो चुकी है और मरने वालों का सिलसिला लगातार जारी है। दिल दहला देने वाली इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। उत्तराखंड और यूपी सरकार की सरपरस्ती में अवैध शराब का इतना बड़ा कारोबार संचालित होता है, यह कल्पना भी नहीं की जा सकती। मैं उम्मीद करती हूं कि भाजपा सरकारों द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी एवं मृतकों के परिजनों के लिए उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी का प्रावधान किया जाएगा। इतनी दुखद घटना के बारे में सुनकर मैं अत्यंत व्यथित हूं और शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट करती हूं'।
18 से ग्राउंड जीरो पर जाने की तैयारी
अगले चार दिनों तक राजधानी में पार्टी के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद प्रियंका गांधी आगामी 18 फरवरी से यूपी में ताबड़तोड़ दौरे भी करेंगी। इसकी शुरुआत प्रयागराज से की जा सकती है हालांकि वाराणसी और गोरखपुर पर भी चर्चा जारी है। इसके जरिए प्रियंका जिलों में जाकर कांग्रेस के प्रति लोगों की सोच के बारे में जानने का प्रयास करेंगी और संगठन द्वारा दिए गये फीडबैक की जमीनी हकीकत को परखेंगी। सूत्रों की मानें तो दौरों का यह सिलसिला 22 फरवरी तक जारी रहेगा।
चुनाव लडऩे पर साधी चुप्पी
इससे पहले रविवार को प्रियंका के राजधानी आगमन की तैयारियों पर पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सीबीआई रूपी जिस तोते का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए कर रही है, ध्यान रहे कि उसका इस्तेमाल उनके खिलाफ भी हो सकता है। हालांकि प्रियंका यूपी से चुनाव लडेंग़ी कि नहीं, उन्होंने कहा कि यह खुद प्रियंका पर निर्भर करता है कि वह कब और किस सीट से चुनाव लडऩा चाहती हैं।
विपक्ष में बढ़ी हलचल
प्रियंका के यूपी आने से पहले विपक्षी दलों में हड़कंप मचा है। राजधानी से नजदीक जिले के एक भाजपा सांसद द्वारा प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने की चर्चा जोरों पर है तो वहीं दिल्ली में भाजपा सांसद कीर्ति आजाद के जल्द कांग्रेस के पाले में जाने की सूचना है। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा के तमाम असंतुष्ट सांसद कांगे्रस के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए संपर्क साध रहे है। वहीं सपा-बसपा गठबंधन में भी प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया सुस्त हो गयी है और सबकी नजरें प्रियंका के आने से बदलने वाले सियासी माहौल पर टिकी हैं।
कम नहीं चुनौतियां
लंबे समय से केवल रायबरेली और अमेठी में सक्रिय प्रियंका की राजनीतिक पारी का आगाज होने के बाद उनकी चुनौतियों में भी इजाफा होना तय है। यूपी में कांग्रेस के दरकते संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्त करने के साथ वरिष्ठ नेताओं के बीच चलने वाली अंदरूनी कलह का निपटारा उनको करना होगा। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाना उनकी पहली बड़ी चुनौती होगा। वहीं प्रियंका के आने से विपक्ष उनके पति राबर्ट वाड्रा को लेकर ज्यादा हमलावर रहेगा।