नीति आयोग : इस बड़ी वजह से PM मोदी लोस-विस चुनाव एक साथ कराने पर दे रहें जोर
दोनों चुनाव एक साथ कराने का मामला उठाया
नई दिल्ली (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से देश में विधान सभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने का मामला उठाया है। इसमें सभी राजनैतिक दलों से गंभीरता से विचार करने और बहस करने की अपील की है। पीएम का कहना है कि चुनाव एकसाथ कराने पर विचार-विमर्श की बात कई पहलुओं को ध्यान में रखकर कही गई है।
2017 में नीति आयोग की बैठक में भी कहा था
इसमें मुख्य रूप से वित्तीय बचत व सरकारी संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है।खास बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले साल 2017 में नीति आयोग की शासी परिषद की तीसरी बैठक को संबोधित किया था। इस दौरान भी उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से देश भर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने पर विचार करने को कहा था।इसके अलावा वह कई और दूसरे मौकों पर भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं।
चुनाव में हुए खर्च का उदाहरण भी पेश किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक दोनों चुनाव एक साथ आयोजित कराने से राष्ट्र के संसाधनों पर अवांछित बोझ नहीं पड़ता। इतना ही नहीं सरकार के लिए नीति, योजना प्रक्रिया और क्रियान्वयन आसान हो जाता है। प्रधानमंत्री ने इसके लिए पिछले चुनाव में हुए खर्च का उदाहरण भी पेश किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि 2009 के आम चुनाव के दौरान 1,100 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं 2014 के चुनाव में 4,000 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।