सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड विधानसभा में अगली सुनवाई तक शक्ति परीक्षण पर रोक लगा दी है. इसका मतलब यह है कि 29 अप्रैल को निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत को बहुमत साबित नहीं करना होगा.

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हाइकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ अपील पर सुनवाई हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे जारी रखते हुए केंद्र सरकार से सात सवाल पूछे हैं.

क्या विधानसभा की कार्यवाही को देखकर राष्ट्रपति वहां राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं?
कब विनियोग विधेयक के संबंध में राष्ट्रपति की भूमिका की ज़रूरत होती है?
अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मौजूदा मामले से उत्तराखंड के मुख्य सचिव का कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट के मुताबिक़ स्पीकर ही विधानसभा का कर्ताधर्ता है.
कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख तीन मई तय की है. तब तक राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रहेगा.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari