Eid-al-Adha: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जामा मस्जिद में अदा हुई नमाज, राष्ट्रपति व पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना वायरस संकट के बीच ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व आज पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद-उल-अजहा के अवसर पर सुबह दिल्ली की जामा मस्जिद में नमाज अदा की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग इसमें शामिल हुए। इस दाैरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर थर्मामीटर गन के साथ तापमान जांचा जा रहा था।इस खास अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सभी से आग्रह किया कि वे जरूरतमंदों के साथ खुशियां शेयर करें और कोविड-19 प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और दिशानिर्देशों का पालन करें। ईद मुबारक! द उल जुहा बलिदान और सौहार्द की भावना का प्रतीक है जो हमें एक और सभी की भलाई के लिए काम करने के लिए प्रेरित करता है।
Eid Mubarak! Idu&यl Zuha symbolises the spirit of sacrifice and amity which inspires us to work for the well-being of one and all. On this occasion, let us share our happiness with the needy and follow social distancing norms and guidelines to contain COVID-19 spread.
— President of India (@rashtrapatibhvn)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया ट्वीट
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस अवसर पर देश के लोगों को हार्दिक बधाई देने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया ईद मुबारक! ईद अल-अधा पर बधाई। यह दिन हमें एक न्यायपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है। इससे प्रेरणा लेकर भाईचारे और करुणा की भावना को आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी नमाज के साथ ही बधाई दी।
Greetings on Eid al-Adha. May this day inspire us to create a just, harmonious and inclusive society. May the spirit of brotherhood and compassion be furthered. — Narendra Modi (@narendramodi)
बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन
ईद अल-अधा या बकरीद, जिसे बलिदान पर्व के रूप में भी जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है। आमतौर पर हम सभी जानते हैं कि बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी दी जाती हैं। मुस्लिम समाज में बकरे को पाला जाता है और अपनी हैसियत के अनुसार उसकी देख रेख की जाती है। इसके बाद जब वो बड़ा हो जाता हैं उसे बकरीद के दिन अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता है। इसे ही फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता हैं |