संसद के दोनों सदनों के सामने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण में केंद्र की नई सरकार का आत्मविश्वास बोलता है. पिछली सरकार के भाषणों के मुकाबले इस सरकार के भाषण में वैश्वीकरण और आर्थिक उदारीकरण एक सच्चाई के रूप में सामने आती है मजबूरी के रूप में नहीं. उसमें बुनियादी तौर पर बदलते भारत का नक्शा है.


‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम सुशासन’ के मंत्र जैसी शब्दावली से भरे इस भाषण पर नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत मुहर साफ़ दिखाई पड़ती है. ट्रेडीशन, टैलेंट, टूरिज्म, ट्रेड और टेक्नोलॉजी के 5-टी के सहारे ब्रांड-इंडिया को कायम करने की मनोकामना इसके पहले नरेंद्र मोदी किसी न किसी रूप में व्यक्त करते रहे हैं.भाषण में कई जगह महात्मा गांधी का उल्लेख है- 1915 में भारत के महानतम प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी भारत लौटे थे और उन्होंने भारत की नियति को ही बदल डाला. अगले वर्ष हम गांधी के भारत लौटने की शतवार्षिकी मनाएंगे और साथ ही ऐसे कदम भी उठाएंगे जिनसे प्रत्येक प्रवासी भारतीय का भारत के साथ संबंध प्रगाढ़ हो और वे भारत के विकास में भागीदार बने.सुनने में अच्छे लगते हैं


नरेंद्र मोदी का नारा था, 'पहले शौचालय, फिर देवालय'. राष्ट्रपति ने इसी तर्ज पर कहा, देश भर में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ चलाया जाएगा और ऐसा करना महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयंती पर हमारी श्रद्धांजलि होगी जो वर्ष 2019 में मनाई जाएगी.भविष्य में सॉफ्टवेयर के अलावा भारत को रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में एक विश्वव्यापी प्लेटफॉर्म के रूप में उभारने की सम्भावना को भी इस भाषण में रेखांकित किया है. भारत अभी तक रक्षा सामग्री के निर्यात से बचता रहा है.

सरकार एक महत्वाकांक्षी आधारभूत ढाँचा विकास कार्यक्रम तैयार करेगी जो अगले 10 वर्षों में लागू किया जाएगा. आधारभूत ढांचा सुधार एजेंडे में रेलवे के आधुनिकीकरण और नवीनीकरण का कार्य सबसे ऊपर है. हाई स्पीड ट्रेनों के हीरक चतुर्भुज तथा राजमार्गों के स्वर्णिम चतुर्भुज के अधूरे पड़े काम को पूरा किया जाएगा.छोटे नगरों में हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए कम लागत वाले हवाई अड्डे बनाए जाएंगे. सरकार, पत्तन-आधारित विकास का एक मॉडल विकसित करेगी. इन पत्तनों की सागर माला को एक साथ पिरोते हुए इन्हें सड़क एवं रेल द्वारा भीतरी प्रदेशों से जोड़ेंगे. अंतर्देशीय और तटीय जलमार्गों का विकास परिवहन के मुख्य मार्गों के रूप में किया जाएगा.


सरकार इस को लेकर संवेदनशील है कि उस पर अमीरों की सरकार होने का आरोप न लगे. वह साबित करना चाहती है कि गरीबी इस देश की सबसे बड़ी समस्या है, पर आर्थिक संवृद्धि और सामाजिक विकास में आपसी टकराव नहीं है.राष्ट्रपति ने कहा, "गरीबी का कोई धर्म नहीं होता, भूख का कोई पंथ नहीं होता और निराशा का कोई भूगोल नहीं होता. हमारी सबसे बड़ी चुनौती गरीबी के अभिशाप को खत्म करने की है. मेरी सरकार ‘गरीबी का पूर्ण निवारण’ करने के लक्ष्य के प्रति वचनबद्ध है. विकास पर पहला हक़ गरीब का है."खाने-पीने की चीज़ों की कीमतों को रोकना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी. पर कैसे? राष्ट्रपति ने कहा, विभिन्न कृषि और कृषि आधारित उत्पादों के आपूर्ति पक्ष को सुधारने पर बल दिया जाएगा. सरकार जमाखोरी और काला-बाज़ारी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगी.राष्ट्रपति ने नई स्वास्थ्य नीति तैयार करने का आश्वासन दिया है. उन्होंने ‘नेशनल हेल्थ इंश्योरेंस मिशन’ में योग और आयुष को प्रोत्साहन देने की बात भी की है. पर क्या सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य को निजी क्षेत्र के हाथों में जाने से रोकेगी? यह इस भाषण में स्पष्ट नहीं है.3. 100 नए शहर यानी बदलता भूगोल
जल्द ही, हमारी जनसंख्या का 50 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में रह रहा होगा. विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस 100 शहर विकसित करने का वादा है. जब देश अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे करेगा तब तक प्रत्येक परिवार का अपना पक्का घर होगा जिसमें पानी का कनेक्शन, शौचालय सुविधाएं और चौबीसों घंटे (24×7) विद्युत आपूर्ति और आवागमन की सुविधाएं होंगी.युवाओं के लिए बड़े स्तर पर ओपन ऑनलाइन कोर्सेज़ और वर्च्युअल कक्षाएं तैयार होंगी. शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता, अनुसंधान और नवीन-प्रक्रिया में कमियों से उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार, एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी.प्रत्येक राज्य में आईआईटी और आईआईएम स्थापित करेंगे. स्कूली अध्यापकों और छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी.5. हर गाँव तक ब्रॉडबैंड हाइवेअगले पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों में वाई-फाई क्षेत्र बनाने के लिए कार्य करेंगे. सरकार ब्रॉडबैंड-हाइवे कायम करेगी जिसे सभी गांवों तक पहुंचाया जाएगा और सभी स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से ई-सक्षम बनाया जाएगा.
ज्ञानजीवी समाज के लिए अपने बच्चों को तैयार करने हेतु प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाएगा. विभिन्न प्रकार की नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय ई-शासन योजना का विस्तार करके केंद्र से लेकर पंचायतों तक सभी सरकारी कार्यालयों को इसके तहत लाया जाएगा.सहभागितापूर्ण शासन के साधन के तौर पर सोशल मीडिया जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा जिससे नीति निर्माण और प्रशासन में लोगों को सीधे ही जोड़ा जा सके.6. आर्थिक विकास और रोजगारसरकार ने विश्वास दिलाया है कि वह कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाएगी जो निवेश, उद्यम और विकास के विरुद्ध नहीं होगी वरन् उसे बढ़ाने में सहायक होगी.विनिर्माण क्षेत्र में रोज़गार के तेज सृजन के लिए सरकार श्रम-आधारित विनिर्माण को युक्तिसंगत तरीके से बढ़ावा देगी. पर्यटन और कृषि आधारित उद्योगों से भी रोज़गार के अवसरों का विस्तार किया जाएगा.रोज़गार केंद्रों को करिअर केंद्रों में रूपांतरित करेगी—जहां युवाओं को प्रौद्योगिकी के साथ परामर्श व प्रशिक्षण के द्वारा पारदर्शी और कारगर तरीके से रोज़गार के अवसरों से जोड़ा जाएगा.सरकार सभी वर्ग के श्रमिकों के लिए पेंशन और स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ करेगी और उन्हें आधुनिक वित्तीय सेवाएं सुलभ कराएगी. देश में काफी अरसे से श्रम कानूनों के सुधार का काम रुका पड़ा है. यह काम सरकारों को अलोकप्रिय बनाता है. राष्ट्रपति के भाषण में इसका उल्लेख नहीं है.7. बुलेट ट्रेन और हवाई अड्डे Posted By: Abhishek Kumar Tiwari