UP में पहले आयुष विश्वविद्यालय का राष्ट्रपति ने किया शिलान्यास, राज्यपाल आनंदीबेन व सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली ईंट रखी
गोरखपुर (सैयद सायम रऊफ)। राष्ट्रपति ने कहा कि शरीर को स्वस्थ व निरोगी रखने के लिए भारत में तमाम प्रकार की चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुष विद्यालयों से इन चिकित्सा पद्धतियों की सुव्यस्थित शिक्षा दी जाती है। दक्षिण में आज तमाम लोग आयुष चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। ऐसे ही प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने का महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय बड़ा माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर दिलाई पहचान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायी। आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय ने लोगों को आरोग्यता प्रदान करेने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डेढ़ वर्ष में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है। इसमें दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिन्होंने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है। जबकि अपने में वर्षों हर भोज्य पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है। देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार के प्रदेश आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इस आयुष विश्वविद्यालय का राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के कर कमलों से भूमि पूजन व शिलान्यास हो चुका है। प्रदेश का यह विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। बता दें कि यह विश्वविद्यालय 299।87 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर भेज चुकी है।
अब दूर होंगी आयुष शिक्षा पद्धति की सभी परेशानियां
आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी पत्नी सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिवादन किया। कहा कि राष्ट्रपति अपना आशीर्वाद देने आए हैं, यह गर्व की बात है। आयुष मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की रुचि शुरू से ही आयुष में रही है। कोरोना से लड़ने में इसका इस्तेमाल कर उन्होंने इसको प्रमाणिकता दी। आयुष शिक्षा पद्धति की सभी परेशानियां अब दूर होंगी और उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को नई पहचान दी। सैनी के संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने बटन दबाकर शिलापट्ट का शिलान्यास किया।