कृषि क्षेत्र में पानी को बचाना जरूरी, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने की अपील
नई दिल्ली (एएनआई)। द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टीईआरआई) वर्ल्ड सस्टेनेबल डेवलपमेंट समिट में बोलते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने देश में घटती जल उपलब्धता पर चिंता व्यक्त की। इस दाैरान उन्होंने कहा कि आजादी के समय प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता 5000 लीटर थी जो अब 1100 लीटर हो गई है। खेती में लगभग 85 प्रतिशत पानी की खपत होती है इसलिए सबसे पहले खेती के क्षेत्र से पानी को बचाना होगा। इसके लिए कई नई तकनीक उपलब्ध हैं। उन सभी का इस्तेमाल होना चाहिए। पिछले 7 सालों में हमने वन क्षेत्र को 15,000 वर्ग किलोमीटर बढ़ाया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 7 सालों में हमने वन क्षेत्र को 15,000 वर्ग किलोमीटर बढ़ाया है। यह हमारे दृढ़ निश्चय, कार्यक्रम, राज्यों और लोगों की भागीदारी से हो पाया। पानी को बचाने और भूजल को बढ़ाने के लिए हमने कई कार्यक्रम शुरू किया। केंद्रीय मंत्री ने कृषि के लिए छिड़काव और ड्रिप सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि वानिकी में सुधार किया जाना चाहिए क्योंकि इससे पानी के रिसने में मदद मिलती है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नदियों के सिकुड़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि नदियों की संख्या सीमित हो रही है।
पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप प्रकाश जावड़ेकर ने पंजाब में कोविड वैक्सीन का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि यहां वैक्सीन का ठीक प्रबंधन नहीं हो रहा। पिछले 6 महीने से उनकी आपसी लड़ाई चल रही है, पूरी पंजाब सरकार और पार्टी 3-4 दिन से दिल्ली में है, पंजाब को कौन देखेगा? अंदरूनी राजनीति के लिए पंजाब के लोगों की अनदेखी करना कांग्रेस का बड़ा पाप है। आज एक खबर आई है कि पंजाब सरकार को वैक्सीन की 1,40,000 से ज्यादा डोज 400 रुपये में मिलीं और वो वैक्सीन उन्होंने 20 निजी अस्पतालों को 1000 रुपये में दी। वैक्सीनेशन में भी राज्य सरकार मुनाफा कमाना चाहती है।