देश में इलेक्‍ट्रिसिटी की डिमांड में कोई बढ़ोतरी नहीं आई है जिसकी वजह से पॉवर सरप्‍लस की सिचुएशन बन गई है। इलेक्‍ट्रिसिटी के प्राइसेज इतने गिर गए हैं कि राज्‍यों की पॉवर डिस्‍ट्रीब्‍यूशन कंपनियों के लिए जेनेरेशन कंपनियों के बजाय स्‍पॉट मार्केट से बिजली खरीदना सस्‍ता पड़ रहा है। दाम कम होने की वजह से 29 दिसंबर को इंडिया एक्‍सचेंज पर ऑफर की गई बिजली पूरी बिक गई।


डिमांड की कमी के चलते गिरावटपॉवर सेक्टर के एक अधिकारी के मुताबिक पिछले तीन क्वॉर्टर्स से एक्सचेंजों पर पॉवर प्राइसेज में लगभग 25 प्रतशित गिरावट आई है। यह गिरावट डिमांड की कमी की वजह से है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले साल दिसंबर में 5 अरब यूनिट ऑफर की गई थी जिसमें केवल 3 अरब यूनिट की ही बिक्री हुई। यह जेनेरेशन कैपेसिटी सरप्लस होने की वजह से ही स्पॉट मार्केट में ज्यादा बिजली ऑफर की जा रही है। इससे घरेलू और इंडस्ट्रियल कन्जयूमर्स दोनों को फायदा होगा और ज्यादा सप्लाई करने के बावजूद भी पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनिया प्रॉफिट में बनी रहेंगी।लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट बनी परेशानी
डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने जेनेरेशन कंपनियों के साथ लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट किए हैं जिसकी वजह से उन्हें स्पॉट मार्केट से सस्ती बिजली खरीदने में दिक्कत हो रही है। सस्ती पॉवर की सप्लाई अधिकतर ऐसी कंपनियां करती हैं जिन्होंने राज्यों की डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के साथ पॉवर परचेज एग्रीमेंट नहीं किया होता है।


यह कंपनियां डिमांड बढ़ने पर पॉवर प्रोडयूस करती हैं और गिरने पर प्लांट नहीं चलाती। राज्यों के पास भी सरप्लस पॉवर है और उनके लिए प्लांट बंद रखने से बेहतर है की वह एक्सचेंज को पावर बेच दें। इंडियन एनर्जी एक्सचेंज पर दिसंबर में एवरेज मार्केट प्राइस 2.56 रुपये प्रति यूनिट था। यह रेट पिछले महीने की तुलना में 4 प्रतिशत नीचे था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh