मोदी को 'डंके की चोट पर' वोट देने वाले मुसलमान
बहस इस बात पर थोड़ी ज़्यादा है कि आखिर देश के मुसलमान मतदाताओं ने किस पार्टी को अपना मत दिया.सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ़ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (सीएसडीएस) ने 2009 के चुनावों में मुसलमान मतदाताओं के रुझान की तुलना 2014 के मतदान से की.सीएसडीएस के सर्वेक्षण से मिले संकेतों के अनुसार, मुसलमानों में भी इस बार कांग्रेस या क्षेत्रीय पार्टियों के पक्ष में कोई विशेष ध्रुवीकरण देखने को नहीं मिला. दरअसल, इस चुनाव में मुसलमानों का थोड़ा वोट भाजपा की तरफ़ झुका है.हमने उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में जाकर ऐसे ही कुछ मुस्लिम परिवारों या व्यक्तियों को ढूंढा और उनसे बात की जिन्होंने नरेंद्र मोदी यानी भाजपा को वोट दिया है.'मोदी और अटल बिहारी को वोट दिया है'लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में रहने वाले इशरत ख़ान पेशे से बढ़ई हैं और मौका मिलने पर ठेकेदारी भी करते हैं.
उनके परिवार में कुल 15 सदस्य हैं जिनमें से 12 ने 2014 के आम चुनावों में मतदान किया है. इन सभी लोगों के मुताबिक़, इन्होंने नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा को वोट दिया.
जौनपुर के रहने वाले अब्बास ज़फर की आयु 29 वर्ष है और वो खुद को एक पढ़ा-लिखा मुसलमान कहने में गर्व महसूस करते हैं.ज़फर ने सबसे पहले तो इस बात को साफ़ किया कि भारत में कुछ जगहों पर हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे की वजह क्या है.उन्होंने कहा, "भारत में समुदायों के बीच जो भी मतभेद हैं उनके पीछे सिर्फ एक ही वजह है और वो है शिक्षा का अभाव. हमने नरेंद्र मोदी को इसलिए वोट दिया कि हमारे जैसे युवा लोगों को रोज़गार की संभावनाएं ज़्यादा मिलें. पिछले दस साल से विकास एकदम थम सा गया है. आने वाली पीढ़ी के लिए समझ लीजिए हमारा वोट."अब्बास ज़फर एक निजी टेलीकॉम कंपनी में काम करते हैं और इसके लिए उन्होंने एमबीए की डिग्री हासिल की थी.उनको लगता है कि गुजरात में हुए बुरे कामों के बजाय अच्छे मौकों और विकास पर ज़ोर और ध्यान देने की आवश्यकता है.अब्बास ज़फर का ये भी मानना है कि जब भी इन दोनों के बीच हिंसक वारदातें देखी जाती हैं तो हिंदू-मुसलमान दोनों समुदायों का दोष रहता है .इसीलिए वे नरेंद्र मोदी को 2002 के गुजरात दंगों के सिलसिले में जोड़ा जाना कतई पसंद नहीं करते.
लेकिन उन्होंने चेताते हुए ये भी कहा, "जो हालात अभी तक देश में रहे हैं उसे देखते हुए मोदी सरकार को कम से कम एक वर्ष तो लगेगा ही चीज़ों को पटरी पर लाने में."‘डंके की चोट पर कहता हूँ मोदी को वोट दिया'
उन्होंने बताया, "मैं डंके की चोट पर कहता हूँ कि मैंने मोदी को वोट दिया है. देखिए भारत में हमें अब राम राज्य की ज़रूरत है. एक ऐसा राम राज्य जिसमें न तो दंगे होते हैं और न फ़साद. हमें शांति चाहिए और साथ में चाहिए विकास."फ़ज़ल का मानना है कि आज युवा वर्ग को खुशहाली चाहिए और वो सिर्फ विकास से ही मिल सकती है.