'पद्मावती' में नेताओं को क्यों है इतना इंट्रेस्ट, जानें किसने क्या कह डाला
लोगों को नाराज होने का अधिकार : नितिन गडकरीपद्मावती को लेकर सबसे ताजा बयान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने फिल्ममेकर्स को सीमा में रहने की सलाह तक दे डाली। उन्होंने कहा, अभिव्यक्ति की आजादी मूलभूत अधिकार जरूर है लेकिन एक सीमा में रहे तो बेहतर है। मेकर्स को सांस्कृतिक संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है। फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता। लोगों को फिल्म से नाराज होने का अधिकार है। बीजेपी के सीनियर नेता का यह बयान उस समय आया है जब देशभर में फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन उग्र हो रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शांति व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर 1 दिसंबर को फिल्म रिलीज न करने की मांग की है। योगी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा, राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव तथा बारावफात को देखते हुए फिल्म का रिलीज होना शांति व्यवस्था के हित में नहीं होगा। यूपी में निकाय चुनाव के लिए मतों की गिनती भी एक दिसंबर को ही होनी है।
फिल्म पद्मावती की रिलीज पर दीपिका ने भी बयान दिया था। दीपिका ने सवाल किया था कि, एक राष्ट्र के तौर पर हम कहां पहुंच गए हैं, हम आगे बढ़ने के बदले पीछे जा रहे हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी को दीपिका की बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने दीपिका की अनपढ़ तक कह दिया। पद्मवती पर बैन की मांग को लेकर स्वामी ने कहा, 'किसी एक फिल्म की रिलीज रुकने का मतलब ये नहीं है कि हमारा देश पीछे जा रहा है। दीपिका के बयान से लगता है कि वो पढ़ी-लिखी नहीं हैं। उन्हें फिर से पढ़ाई शुरू कर कुछ सीखना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ सिनेमा के आधार पर देश को पिछड़ा बताया जा रहा है। हमें ये भी नहीं पता कि दीपिका भारत की नागरिक हैं भी या नहीं। दीपिका के बयान की पूरे देश में आलोचना होनी चाहिए। यही नहीं स्वामी ने फिल्म के बजट पर भी सवाल उठा दिए, उन्होंने कहा कि इस फिल्म में किसका पैसा लगा यह बात सामने आनी चाहिए।