जज ने पूछा ग्रेनेड फटा कैसे, कांस्टेबल ने कहा-ऐसे
सोमवार को नियमित न्यायिक कार्रवाई जारी थी कि अचानक अदालत में विस्फोट से ऐसी अफ़रातफ़री फैली कि भगदड़ मच गई.
जिस वक़्त यह घटना हुई तब बगल वाली अदालत में एक वकील असमाउल हुस्ना मौजूद थीं. उनका कहना है कि वह अपना केस शुरू से ही करने वाली थी कि एक ज़ोरदार धमाका हुआ.
वह कहती हैं, "चूंकि पाकिस्तान में चरमपंथी विस्फोट आम बात है, इसलिए सभी को लगा कि यह वही हमला होगा और लोग डर से भागने लगे. फिर ख़बर आई जिस अदालत में बम फटा है, वहां कई लोग मारे गए हैं लेकिन फिर सब जीवित थे और तब जाकर रहस्य खुला."
पता चला कि बात कुछ और थी. असमाउल हुस्ना ने बीबीसी को बताया, "एंटी टैरेरिस्ट कोर्ट नंबर-3 में कराची के कलां थाने के एक अपराधी को पेश किया गया था और इस अपराधी से ज़ब्त किया गया हथियार और गोला बारूद भी जज के सामने बतौर सुबूत पेश किया गया."
वकील लोगों से यह कहते सुने जा सकते हैं, "अब किसी से यह नहीं पूछा जा सकता है कि ग्रेनेड कैसे फटता है. अब सभी को पता चल चुका है."
असमाउल हुस्ना का कहना था कि अपराधियों से हासिल किया गया हथियार या गोला बारूद पहले से डिफ़्यूज़ है तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की निगरानी में दर्ज होता है और जब वह ख़तरे से बाहर हो, तभी उसे पेश किया जाता है. यह बड़े पैमाने पर लापरवाही का मामला है."
इस मामले में एक केस दर्ज किया गया है और इसकी जांच का आदेश भी दे दिया गया है.