नीरव मोदी ने दिया झटका तो PNB ने पकड़ी गांधीगिरी की राह, डिफाल्टरों के घर पोस्टर बैनर लेकर धरना
1,144 फील्ड स्टॉफ के जिम्मे है मिशन गांधीगिरी
नई दिल्ली (प्रेट्र)। पीएनबी ने 'मिशन गांधीगिरी' के तहत रिकवरी का तरीका मई 2017 में लांच किया था। एक टीम कर्ज लेने वालों के घर और दफ्तर का चुपचाप दौरा करती थी। मौजूदा समय में 1,144 फील्ड स्टॉफ इस मिशन को अंजाम दे रहे हैं। बैंक ने अपने एक वकतव्य में कहा कि इस पहल के तहत रिकवरी टीम का मुख्य उद्देश्य डिफाल्टरों को मोलभाव के टेबल तक लाना है। उनका लक्ष्य है कि हर महीने 100 से 150 करोड़ रुपये की रिकवरी हो जाए।
जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को करेंगे बेनकाब
पीएनबी ने कहा कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को लेकर सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार, कुछ सप्ताह में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। बैंक ने 1,084 विलफुल डिफाल्टर्स की घोषणा कर चुका है। इनमें से 260 की तस्वीरें अखबारों में भी छपवा चुका है। इतना ही नहीं पिछले कुछ महीनों में 150 विलफुल डिफाल्टरों के पासपोर्ट जब्त कर चुके हैं और 37 के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाया गया है।
फ्रॉड से बचने और लोन रिकवरी के लिए साझेदारी
बैंक ने कहा कि उसने एक क्रेडिट एजेंसी के साथ करार किया है ताकि बैंक के लोन की रिकवरी और फ्रॉड के जोखिम को कम करने में मदद मिल सके। इससे कर्ज देने और उससे लाभ कमाने का एक बेहतर सिस्टम बन सकेगा। बैंक खातों के मिलान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद और इंटर्नल सिस्टम में सुधार और विश्लेषण पर काम कर रहा है।
पीएनबी का कुल एनपीए 57,519 करोड़ रुपये
पीएनबी का कहना है कि 'वन टाइम सेटेलमेंट' (ओटीएस) तेजी से एनपीए रिकवरी में मददगार साबित हुई है। बैंक के मुताबिक एक साल में औसतन 70 से 80 हजार एनपीए अकाउंट से लोन की रिकवरी हो रही थी जबकि ओटीएस की मदद से पिछले 10 महीनों के दौरान ही 2.25 लाख एनपीए खातों से लोन की रिकवरी हो चुकी है। बैंक का कुल एनपीए 57,519 करोड़ रुपये का है। यह राशि दिसंबर 2017 तक बैंक द्वारा दी गई कुल लोन राशि का 12.11 प्रतिशत है।