PM Modi Speech in 74th Session of UNGA: बुद्ध और गांधी की बात कर पीएम मोदी ने किया आतंकवाद पर प्रहार
न्यूयॉर्क (एएनआई)। आज यानी कि शुक्रवार को पूरी दुनिया की निगाहें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र पर टिकी हुई थीं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनजीए के मंच से दुनिया को संबोधित किया। संयुक्त राष्ट्र पीसकीपिंग मिशन में भारत के बलिदान का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत युद्ध नहीं बुद्ध का देश है, हमने दुनिया को शांति का संदेश दिया है। आतंवाद पर बंटी हुई दुनिया उन मूल्यों के विपरीत है, जिनपर यूएन का गठन हुआ है। आतंकवाद आज मानवता की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, इसे अकेले नहीं ख़त्म किया जा सकता है। इसके लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।'
All set for the @UN General Assembly session!
The speech of PM @narendramodi begins shortly. Do watch it LIVE. pic.twitter.com/63fWbgG0b7
यहां देखें पीएम मोदी का लाइव भाषण
130 करोड़ भारतीयों का प्रयास, दुनिया के सपने
पीएम मोदी ने यूएन महासभा के अपने संबोधन में कहा कि विकासशील भारत अपने 130 करोड़ नागरिकों की जरूरतों के लिए प्रयास करता है जो दुनिया के सपने हैं। उन्होंने देश की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक विरासत का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय जीव में शिव देखते हैं। भारत के लोग जीव-जंतुओं और वनस्पतियों को अपना मित्र समझते हैं, यही कारण है कि हम पर्यावरण सबसे कम नुकसान पहुंचाते हैं। वे जन कल्याण से जग कल्याण की ओर बढ़ते हैं। हमारी परंपरा वसुधैव कुटुंबकम की रही है।
बौखलाए इमरान ने उगला जहर
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने भाषण में कश्मीर पर जहर उगला। उन्होंने यह चेतावनी भी दी भारत जब कश्मीर से कफ्र्यू हटाएगा तो वहां खून खराबा होगा। यह भी दोहराया कि परमाणु हथियार संपन्न दोनों देशों में युद्ध होता है तो यह उनकी सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहेगा। इमरान ने भाजपा और पीएम मोदी पर गलत आरोप लगाए। बौखलाए इमरान खान ने कहा कि भारत ने कश्मीर में संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के खिलाफ काम किया है।
कोई नहीं दे रहा पाकिस्तान का साथ
बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत हर जगह यही कह रहा है कि यह एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए। यहां तक पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में भी पहुंच गया लेकिन यहां भी भारत के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने उसका आंतरिक मामला बताया और इसका समर्थन भी किया। वहीं, पाकिस्तान ने अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय सहित दुनिया भर के कई नेताओं को इस मुद्दे पर दखल देने के लिए कहा है लेकिन कोई भी देश उसके समर्थन में आगे नहीं आया।