प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेसी नेताओं और उनकी योजनाओं का हवाला देकर उन्हीं पर ज़ोरदार हमला बोला।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने सबसे पहले सदन को न चलने देने से विपक्ष का नुक़सान होने की चेतावनी दी।पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक बयान के हवाले से मोदी ने कहा- ''बहस के दौरान किसी को बख्शा नहीं जाता और उसकी उम्मीद भी नहीं की जानी चाहिए लेकिन सदन की गरिमा बनी रहनी चाहिए।''इसी के साथ उन्होंने जोड़ दिया कि यह उपदेश नरेंद्र मोदी का नहीं राजीव गांधी का है।मोदी का कहना था कि सदन में कुछ सांसद किसी भी नई योजना का विरोध करते हैं और उन्हें नई चीज़ें समझने में देर लगती है। और जब समझने में समय लगता है तो वो विरोध के नए तरीक़े ढूंढने लगते हैं।
मोदी ने नेशनल वॉटरवे बिल, व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन अमेंडमेंट बिल, जीएसटी बिल और कंज़्यूमर प्रोटेक्शन बिल के पारित न होने पर भी विपक्ष को आड़े हाथों लिया।
मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ''देश के 60 साल के समय में ग़रीबों का भला किया गया होता तो आज उन्हें गड्ढा नहीं खोदना पड़ता।। हमने ग़रीबी की इतनी जड़ें जमा दी हैं कि तुम उखड़ जाओगे लेकिन ग़रीबी को नहीं उखाड़ पाओगे।''
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के बारे में कहा कि मई 2014 तक सिर्फ़ 11 राज्यों ने हड़बड़ी में काग़ज़ पर इसे कुबूल किया था। और आज भी आठ राज्यों में से चार कांग्रेसशासित राज्यों में इस क़ानून का नामोनिशान नहीं हैं, जिनमें केरल, मिज़ोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश हैं।जब सांसदों ने गुजरात का नाम लिया तो मोदी ने कहा कि गुजरात इस योजना को लागू कर चुका है और बाक़ी राज्यों से बेहतर कर रहा है।प्रधानमंत्री ने सदन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव रखे, जिनमें आठ मार्च यानी महिला दिवस पर सिर्फ़ महिला सांसदों को बोलने देने, सत्र में एक हफ़्ते पहली बार चुनकर आए सांसदों को बोलने का मौक़ा देने और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल यानी टिकाऊ विकास लक्ष्यों में भारत की भूमिका के लिए उपाय खोजने पर ज़ोर दिया।
Posted By: Satyendra Kumar Singh