PM मोदी को अपने शब्दों के निहितार्थ को ध्यान में रखना चाहिए : लद्दाख गतिरोध पर बोले पूर्व पीएम मनमोहन
नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत और चीन की सेना के बीच बीते साेमवार को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद सोमवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी चुप्पी तोड़ी। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि लद्दाख मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को अपने शब्दों के निहितार्थ को ध्यान में रखना चाहिए। चीन को उनका इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। पीएम मोदी को अपने बयान से चीन के षड्यंत्रकारी रुख को ताकत नहीं देनी चाहिए तथा सरकार के सभी अंगों को मिलकर मौजूदा चुनौती का सामना करना चाहिए। पूरे राष्ट्र को एकजुट होकर चीन को जवाब देना होगा
इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति एवं मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता है। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी से भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। यह वह समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होने और संगठित होकर चीन को इस दुस्साहस के लिए जवाब देना होगा। प्रधानमंत्री को हमेशा अपने शब्दों और घोषणाओं पर हमारे देश की सुरक्षा के साथ-साथ सामरिक और क्षेत्रीय हितों के निहितार्थ का भी ध्यान रखना चाहिए।क्रूर हमले में 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हुए
15 जून को पूर्वी लद्दाख की गैलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा किए गए एक क्रूर हमले में 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे। बीते पांच दशकों में सबसे बड़ा सैन्य टकराव था जिसने इस पूरे क्षेत्र में पहले से ही अस्थिर सीमा गतिरोध को और ज्यादा बढ़ा दिया है। नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद दोनों भारत और चीन के बीच सोमवार का टकराव सबसे बड़ा टकराव था। उस समय भारत के लगभग 80 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि टकराव में चीनी सेना के 300 से अधिक जवान मारे गए थे।