आज सभी की निगाहें संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र पर होंगी क्योंकि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री एक ही मंच पर अपने मुद्दे को दुनिया भर के सामने पेश करेंगे।


न्यूयॉर्क (आईएएनएस)। आज यानी कि शुक्रवार को पूरी दुनिया की निगाहें संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 74वें सत्र पर होंगी क्योंकि इस मंच पर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएनजीए में देश की बड़ी भूमिका और भारत के विकास, शांति व सुरक्षा के लिए उन्होंने क्या किया है, इसपर जोर देंगे। वहीं उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान पूरी तरह से कश्मीर पर अपना भाषण देंगे। शुक्रवार को यूएनजीए के 74 वें सत्र में पीएम मोदी का संबोधन लगभग शाम 7.30 (भारतीय समय के अनुसार) बजे होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूएनजीए में पहले पीएम मोदी भाषण देंगे, इसके बाद ही इमरान खान बोलेंगे। कश्मीर भारत का आंतरिक मामला
वहीं, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह वैश्विक मंच पर कश्मीर की बात नहीं करेंगे क्योंकि अनुच्छेद 370 को हटाना पूरी तरह से 'आंतरिक मुद्दा' है। भारत पूरे फैक्ट्स के साथ तैयार है। पीएम मोदी विकास, शांति, जलवायु परिवर्तन के साथ ही पाकिस्तान से स्पॉन्सर होने वाले आतंकवाद पर उसे घेरेंगे। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए इमरान खान के एजेंडे के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान का प्रमुख मुद्दा कश्मीर रहेगा, क्योंकि अब ये मामला पूरी दुनिया में चर्चा की विषय बन गया है। इमरान खान ने जिहादियाें को कश्मीर से दूर रहने को कहापाक का कोई भी नहीं दे रहा साथबता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है लेकिन भारत हर जगह यही कह रहा है कि यह एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए। यहां तक पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में भी पहुंच गया लेकिन यहां भी भारत के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने उसका आंतरिक मामला बताया और इसका समर्थन भी किया। वहीं, पाकिस्तान ने अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय सहित दुनिया भर के कई नेताओं को इस मुद्दे पर दखल देने के लिए कहा है लेकिन कोई भी देश उसके समर्थन में आगे नहीं आया।

Posted By: Mukul Kumar