दादरी जैसे मामलों पर राष्ट्रपती के निर्देशों का पालन करने के लिए कहने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुप्पी साध ली थी। पर अब एक साक्षात्कार में उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए दादरी और गुलाम अली के कार्यक्रम को रद्द करने सहित ऐसे दूसरे मामलों पर दुख जाहिर किया है। साथ ही ये सवाल भी उठाया है कि इन बातों के लिए केंद्र सरकार को दोषी क्यों ठहराया जा रहा है।


विपक्ष कर रहा है ऐसी घटनाओं पर राजनीति पिछले कुछ दिनों से देश के अलग-अलग राज्योंओ में हुई कुछ बड़ी घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। पीएम ने बांग्ला अखबार आनंद बाजार पत्रिका को दिए इंटरव्यूओ में दादरी की घटना और गुलाम अली के विरोध को लेकर कहा है कि इस तरह की घटनाएं दुखद हैं, लेकिन इसमें केंद्र की क्यार भूमिका है। पीएम ने साथ ही विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहाकि विपक्ष भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगा रही है, लेकिन क्या वो खुद इन घटनाओं के ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रहा?भाजपा कभी नहीं करती ऐसी बातों का समर्थन
इंटरव्यू  में उन्होंरने कहा कि इस तरह की घटनाएं दुखद हैं, लेकिन इनमें केंद्र सरकार की क्या भूमिका है? ऐसे विवाद पहले भी हुए हैं और भाजपा ने हर बार छद्म धर्मनिरपेक्षता का विरोध भी किया। एक बार फिर इन दुखद घटनाओं को लेकर विवाद उठा है, लेकिन बातचीत से इसका समाधान संभव है। भाजपा कभी ऐसी घटनाओं का समर्थन नहीं करती। लेकिन, भाजपा पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाने वाली कांग्रेस इस पर ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं कर रही क्या?

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Posted By: Molly Seth