भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बुधवार को इमेजिंग और मैपिंग उपग्रह कार्टोसैट -3 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। इसके साथ अमेरिका के 13 वाणिज्यिक नैनो उपग्रह भी थे। इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने 'वंडरफुल सक्सेस' करार दिया। इस प्रक्षेपण में 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी सी-47 राॅकेट का इस्तेमाल किया गया। श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से सुबह 9.28 बजे इसे लांच किया गया। इसरो की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी।

श्रीहरिकोटा (पीटीआई)। कार्टोसैट-3 भारत का सबसे जटिल और एडवांस अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट है। ध्यान रहे कि इससे पहले इसरो ने मिशन चंद्रयान-2 लांच किया था जिसका लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर 7 सितंबर को साॅफ्ट लैंड न करने की वजह से क्रैश हो गया था। इसरो ने बताया कि लांच के 26.56 मिनट बाद ही अमेरिका के सभी 13 नैनो उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गए थे। कार्टोसैट-3 के कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित होते ही सिवन और अन्य वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे। इधर पीएम मोदी ने भी इसरो को बधाई दी है।

I heartily congratulate the entire @isro team on yet another successful launch of PSLV-C47 carrying indigenous Cartosat-3 satellite and over a dozen nano satellites of USA.

— Narendra Modi (@narendramodi) November 27, 2019


इसरो का बनाया अब तक का सबसे एडवांस निगरानी उपग्रह
बाद में सिवन ने मिशन कंट्रोल सेंटर से कहा कि पीएसएलवी-सी47 ने 13 कस्टमर सैटेलाइट के साथ कार्टोसैट-3 सफलतापूर्वक 509 किमी ऊपर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। इसकी घोषणा करते हुए उन्हें काफी प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने बताया कि कार्टोसैट देश का हाई रिजाॅल्यूशन सिविलियन उपग्रह है। इसरो का अब तक का बनाया गया यह सबसे जटिल और एडवांस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। उन्होंने इस सफलता के पीछे लगी टीम को भी बधाई दी।

 

#ISRO Chief Dr. K Sivan: I am happy that PSLV-C47 injected precisely in the orbit with 13 other satellites. Cartosat-3 is highest resolution civilian satellite; We have 13 missions up to March- 6 large vehicle missions and 7 satellite missions. pic.twitter.com/18bZ9UFhQm

— ANI (@ANI) November 27, 2019मार्च तक 13 मिशन हैं लाइन में
भविष्य के मिशन को लेकर इसरो चीफ ने कहा कि अभी हमारे पास बहुत काम है, मार्च 2020 तक 13 मिशन एक के बाद एक लाइन में हैं। इस वंडरफुल मिशन के बाद आप हमसे पूछ सकते हैं कि आगेे क्या है? हमारा काम बहुत ही साधारण है। मार्च तक हमारे पास 13 मिशन है। इसमें छह लांच व्हीकल मिशन और सात सैटेलाइट मिशन शामिल हैं। इन्हें हमें मार्च से पहले पूरा करना है। टीम इसरो हमेशा की तरह जरूरतों को पूरा करने के लिए चुनौतियों से निपटकर हर मिशन को सफलता के अंजाम तक पहुंचाएगा। मिशन चंद्रयान-2 के बाद इसरो चीफ पहली बार इतने खुश नजर आ रहे थे। ध्यान रहे कि मिशन चंद्रयान-2 जरूरी सफलता नहीं पा सका था।


Posted By: Vandana Sharma