यूक्रेन: प्रधानमंत्री और केबिनेट मंत्रियों का इस्तीफ़ा
प्रधानमंत्री मिकोला अज़ारोव ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि उन्होंने ''समाजिक और राजनीतिक समझौते'' के लिए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है.यूक्रेन की संसद के 'विरोध प्रदर्शनों' को प्रतिबंधित करने वाले फ़ैसले को भारी बहुमत से संसद द्वारा रद्द किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने ये कदम उठाया है.पिछले कुछ दिनों से यूक्रेन की राजधानी कीव के अलावा देश के पूर्व में उन इलाकों में भी सरकार और राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं जिन्हें राष्ट्रपति का गढ़ माना जाता था.कई शहरों में इन प्रदर्शनकारियों ने सारकारी इमारतों पर कब्ज़ा कर लिया है.प्रधानमंत्री अज़ारोव देश में काफ़ी अलोकप्रिय हो गए थे. विपक्ष का आरोप है कि उनकी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सँभालने में और भ्रष्टाचार पर काबू पाने में पूरी तरह नाकाम रही है.हिंसा
मंगलवार को आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी शहर खैरसन में प्रदर्शनकारियों ने तीन पुलिसवालों पर चाकू से हमला किया. इस हमले में एक पुलिस वाला मारा गया है.प्रदर्शनों संबद्ध हिंसा में अब तक कुल मिलाकर पांच लोग मारे जा चुके हैं. इस क़ानून के संसद में पेश किए जाने के बाद से ही वहां हिंसा शुरु हो गई थी.
कीव में मौजूद बीबीसी संवाददाता डेविड स्टर्न का कहना है कि अज़ारोव के जाने भर से देश में शांती आ जाएगी इस बात की संभावना कम ही है. स्टर्न के अनुसार दो हफ़्तों पहले जिन प्रधानमंत्री के हटने की बात सोची भी नहीं जा सकती थी उन प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा यह तो बताता है कि देश में हालात बदल रहे हैं.बीबीसी संवाददाता का कहना है कि देश के शांती की बहाली इस बात पर भी निर्भर करेगी कि अगली सरकार किसकी आती है. देश के तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं और राष्ट्रपति यानुकोविच के बीच विश्वास की काफ़ी ज़्यादा कमी है.अभी यह भी कोई नहीं कह सकता कि राष्ट्रपति अगली सरकार को काम करने के लिए कितनी आज़ादी देते हैं.