साल 1950 में स्‍थापित हुआ योजना आयोग अब एक इतिहास बन गया है. नये साल का आगाज होते ही योजना आयोग का नया स्‍वरूप भी सामने आ गया जिसका नया नाम 'नीति आयोग' रखा गया है. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा योजना आयोग की जगह नई संस्‍था की स्‍थापना की घोषणा के कुछ महीनों बाद ही यह पहल हुई है.

बैठक में लिया गया फैसला
मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के करीब तीन सप्ताह के बाद यह फैसला सामने आ गया. हालांकि इसमें ज्यादातर समाजवादी दौरे की इस संस्था के पुनर्गठन के पक्ष में थे, लेकिन कुछ कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने मौजूदा ढ़ांचे को खत्म करने का विरोध किया था. आपको बताते चलें कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लालकिले की प्राचीर से इसकी घोषणा की थी. इस दौरान मोदी ने कहा था कि, योजना आयोग की जगह पर एक नई संस्था बनाई जायेगी जो समकालीन आर्थिक दुनिया के अनुरुप होगा.
आधुनिक नजरिये से होगा बदलाव
गौरतलब है कि मोदी ने मुख्यमंत्रियों को 7 दिसंबर को संबोधित करते हुये फॉर्मर पीएम मनमोहन सिंह का हवाला दिया था. उनके अनुसार पिछले साल 30 अप्रैल को मनमोहन सिंह ने कहा था कि सुधार प्रक्रिया शुरु होने के बाद के दौर में मौजूदा ढ़ांचे का कोई अत्याधुनिक नजरिया नहीं है. उन्होंने ऐसे प्रभावी ढ़ांचे की बात की थी जिससे सहयोगी संघ और टीम इंडिया की अवधारणा मजबूत होती हो. फिलहाल इस नये आयोग को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाने भी शुरु कर दिये हैं. कांग्रेस का कहना है कि, बड़े-बड़े दावे करने वाली यह सरकार महज आयोग का नाम चेंज कर रही है और काम पहले की तरह ही होगा.

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari