26 फीट लंबे अजगर को देखकर कोई भी डर जाए लेकिन सुमात्रा के बतांग गनसाल ज़िले में बतौर गार्ड काम करने वाले रॉबर्ट नबाबन डरने वालों में से नहीं थे। रॉबर्ट ने इतने विशाल अजगर को न सिर्फ़ अकेले चुनौती दी बल्कि कुछ गांव वालों की मदद से उसे चारों खाने चित्त भी कर दिया।

इस मुक़ाबले में नबाबन को गंभीर चोटें आईं। उनकी जान तो बच गई लेकिन बायां हाथ ज़ख़्मी हो गया। इसके बाद भी वो मुक़ाबले में डटे रहे।

नबाबन का फ़िलहाल इलाज चल रहा है। गांव वाले अजगर का शव देख सकें, इसके लिए उसे कुछ समय तक पेड़ से लटकाया गया।

फिर पकाया गया और सबने मिलकर अजगर के तले हुए मांस का आनंद लिया।

 

अक्सर निकलते रहते हैं अजगर

बतांग गनसाल ज़िले में अजगर निकलने की यह पहली घटना नहीं है।

ज़िले की स्थानीय सरकार के अधिकारी एलिनारयोन ने बताया, "इसी साल तक़रीबन दस बार अजगर नज़र आ चुके हैं। गर्मियों में वे पानी की तलाश में बाहर निकलते हैं और बरसात में नहाने के लिए। पाम ऑइल प्लांटेशन होने की वजह से इस इलाक़े में चूहे बहुत हैं इसलिए शिकार की खोज भी अजगरों के बाहर आने की एक वजह है।"

ऐसा खतरा नहीं लेना चाहिए

साथ ही एलिनारयोन ने ये भी जोड़ा कि लोगों को अकेले अजगर से भिड़ने से बचना चाहिए "आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।।। वह एक सांप है, अगर आप इसे मारने की कोशिश करेंगे, तो ज़ाहिर है उसे गुस्सा आएगा और वो जवाब में हमला करेगा!"

उन्हें इस बात पर कोई हैरानी नहीं हुई कि गांव वालों ने अजगर को खा लिया, "मैंने दोस्तों से सुना है कि अजगर का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है। इतना लंबा सांप, मतलब काफ़ी मांस! कुछ लोग मानते हैं कि अजगर के ख़ून में बीमारी ठीक करने की ख़ूबी होती है और इसका इस्तेमाल दवाइयों में किया जा सकता है।"

हालांकि ऐसा नहीं है कि गांव वाले हर बार अजगर को मात देने में क़ामयाब हो जाते हैं। इसी साल मार्च में एक गांव वाले का शव अजगर के पेट में मिला था।

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Posted By: Chandramohan Mishra