कुछ नहीं, इंसान की जिंदगी सस्ती हुई है!
मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि पिछले तीन साल से लगातार देश के हर कोने से उन्हें सुझाव मिल रहे हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए। इस साल भी वे चाहेंगे कि लोग उन्हें सुझाव भेजें।
उन्होंने कहा कि एक देश, एक टैक्स के इस प्रावधान पर तहसील तक के स्तर के अधिकारियों ने काफ़ी मेहनत की है। इससे दुकानदार और उपभोक्ताओं में विश्वास बढ़ा है। जीएसटी से ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, यह सामाजिक अभियान है।फ़ेसबुक पन्ने पर इसी मुद्दे पर #Kahasuni की और पाठकों से पूछा कि 'आप बताएं कि क्या-क्या सस्ता हुआ।'अमित अमरेश ने लिखा, "मोदी जी ही इसका एक ऐप लॉन्च कर देते कि क्या-क्या सस्ता हुआ और क्या-क्या महंगा तो ठीक रहता। सब कुछ डिजिटल हो जाता और आपकी सफलता भी डिजिटल हो जाती।"कार्तिक रैना लिखते हैं, "कुछ भी नहीं, सिर्फ़ इंसान की ज़िंदगी सस्ती हो गई है। 50-60 लोग मिलकर 2-3 इंसानों को मार देते हैं। किसान आत्महत्या कर रहा है और देश डिजिटल हो रहा है।"
बलदेव कुंद्रा ने लिखा, "जीएसटी से महंगाई कम नहीं होगी। ये कर चोरी पर लगाम लगा सकता है।"
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