बच्ची की उम्र 10 दस साल थी उसे सुनाई नहीं देता था. एक पाकिस्तानी दंपति उसे ग़ैर कानूनी तरीके से अपने साथ ब्रिटेन लेकर आया. लेकिन यहाँ आकर बच्ची के साथ एक दशक तक बलात्कार होता रहा और उसे घरेलू नौकरानी की तरह रखा गया.
By: Subhesh Sharma
Updated Date: Sat, 19 Oct 2013 10:48 AM (IST)
ब्रिटेन मे चले मामले में इलयास और तलत अशार को दोषी पाया गया है. ये बच्ची दंपती के घर के तहखाने में रहती थी.अब ये बच्ची वयस्क हो चुकी है और उनकी उम्र 20 साल से ज़्यादा है. 84 साल के इलयास को बलात्कार और 68 साल की तलत को तस्करी का दोषी पाया गया है और सज़ा 23 अक्तूबर को होगी.अभी तक इस मामले की रिपोर्टिंग पर पाबंदी लगी हुई थी. क़ानूनी वजहों से लड़की का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा सकता.मामले के बारे में तब पता चला जब कुछ अधिकारी दंपती के घर ग़ैर कानूनी गतिविधियों के कथित शिकायतों की जाँच करने गए. ये लड़की तहखाने से पाई गई जो एक तंग, ठंडी जगह थी.
पुलिस का कहना है कि ये लड़की घर की साफ सफ़ाई करती थी, खाना बनाती थी. उसे परिवार से जुड़े दूसरे घरों में भी काम करने के लिए ले जाया जाता था.ये लड़की बोल नहीं सकती थी और उन्हें पहले साइन लैंगवेज सिखाई गई जिसके बाद ही पुलिस से बातचीत में उनकी आपबीती पता चली.
‘शैतान का रूप’
पुलिस का कहना है कि इस लड़की को ब्रिटेन लाने वाले परिवार ने उनके नाम पर कई वर्षों तक सरकारी वित्तीय लाभ भी लिया और बैंक अकाउंट बनाए.इलयास और तलत की बेटी फ़ाएज़ा अशर को भी ग़लत तरीके से वित्तीय लाभ उठाने का दोषी पाया गया है. पुलिस ने इलयास को ‘शैतान का रूप’ कहा है.ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस की मे डोयल ने पीड़िता की तारीफ़ कहते हुए कहा, “वो बहुत बहादुर है, उसने आगे आकर गवाही दी है. अब वो अच्छी ज़िंदगी बिता रही है. वो काफ़ी होनहार है.”वकील इयन रशटन ने बताया है, “जब उन्हें ब्रिटेन लाया गया था वो बच्ची थीं. वो न बोल सकती थीं न सुन सकती थीं. वो इशारों में भी बात करना नहीं जानती थीं. उनका कोई परिवार नहीं था, कोई दोस्त नहीं था. वो कभी स्कूल नहीं गई और ब्रिटेन की संस्कृति के बारे में नहीं जानती थी. उनका बार बार बलात्कार हुआ, बुरा बर्ताव होता था.”जिस पासपोर्ट पर बच्ची को ब्रिटेन लाया गया था उस पर लिखा था वो 20 साल की हैं और ये चिंता का विषय बताया गया है कि हीथ्रो पर अप्रवासन अधिकारियों को उम्र में फ़र्क का पता नहीं चला.
स्टॉप द ट्रेफ़िक नाम की संस्था से जुड़े हाना फ्लिंट कहते हैं कि ये ज़रूरी है कि पुलिस, शिक्षकों, वकीलों आदी को ट्रेनिंग मिलनी चाहिए कि वो मानव तस्करी के मामलों को पहचान सकें.
Posted By: Subhesh Sharma