पटाखा रिव्यू: फिल्म तो फुस्स, एक्टर्स ही हैं इस फिल्म के असली पटाखे
कहानी :
दो बहनें जो दुश्मनों से कम नहीं, क्या हो जाता है जब बन जाती हैं वो हमेशा के लिए पड़ोसी।
समीक्षा :
ऐसा नहीं है कि फिल्म परफेक्ट हो, फिल्म काफी रेपेटिटिव है और फिल्म के लिखे किरदार भी काफी वन टोन ही है, बहने उज्जड, बाप बेचारा वगेरह वगेरह पर फिर भी ये कमी खटकती नहीं है। ग्रे किरदार होने के बावजूद भी ये फिल्म के फेवर में काम करते है, नॉर्मली ऐसा हिंदी फिल्मो में कम ही देखने को मिलता है और इस बात के लिए विशाल को स्टैंडिंग ओवेशन, सेकण्ड हाफ में फिल्म ठग्स ऑफ हिंदुस्तान के ट्रेलर की तरह डोलती ज़रूर है पर एन्ड तक आते आते फुस्स हो रहा पटाखा वापस से बम बन जाता है और फिल्म एक सटीक एन्ड पे खत्म होती है, मैने 'दो बहनें' कहानी पढ़ी नही हैं इसलिए मैं कहानी से इसे कंपेयर नही करूंगा पर इस फिल्म के डायलॉग बड़े कड़क हैं, उसी तरह से फिल्म का लुक, फील भी काफी ऑथेंटिक है और यही फिल्म का स्टैंड आउट पॉइंट है, बड़की छुटकी के कपड़ों से लेकर सुनील के गुटखा से रंगे हुए दांतों तक कॉस्ट्यूम और स्टाइलिंग को फूल मार्क्स।
अब आते है मेन मुद्दे पे। वो है जबरदस्त एक्टर्स की फौज, हर एक किरदार अपने अपने वन टोन करैक्टर को समझो रियल बना देता है। दोनो लड़कियां रीजनल डायलॉग की थोड़ी ऐसी तैसी ज़रूर करती हैं पर इसके अलावा परफॉर्मेन्स जबरदस्त है। विजय राज और सुनील तो बस गजब ही हैं, वो तो जैसे अपने अपने रोल में जैसे घुसे पड़े हुए हैं।
Sibling rivalry looks raw and real... Trailer of Vishal Bhardwaj's new movie #Pataakha... Stars Sanya Malhotra, Radhika Madan, Sunil Grover, Saanand Verma and Vijay Raaz... 28 Sept 2018 release... #PataakhaTrailer link: https://t.co/B6Oxvmalfj— taran adarsh (@taran_adarsh)Twitter : yohaannn