Parvez Musharraf Death Penalty: पाकिस्तान की विशेष अदालत ने सुनाई परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा
कानपुर। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ को एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। इस मामले की सुनवाई एक विशेष पीठ द्वारा की जा रही थी जिसमें पेशावर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वकार अहमद सेठ अकबर और सिंध उच्च न्यायालय (लाहौर) के न्यायाधीश शाहिद करीम शामिल थे। शीर्ष अदालत के आदेश पर पीठ का गठन किया गया था। अदालत ने अपने छोटे आदेश में कहा कि उसने तीन महीने तक मामले में शिकायतों, रिकॉर्डों, तर्कों और तथ्यों का विश्लेषण किया और मुशर्रफ को पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के अनुसार उच्च राजद्रोह का दोषी पाया।
A special court hands death penalty to former Pakistani military dictator Pervez Musharraf in high treason case: Pakistan Media (file pic) pic.twitter.com/8V3j7uAyZI— ANI (@ANI)28 नवंबर को ही आने वाला था कोर्ट का फैसला
इस महीने की शुरुआत में विशेष अदालत ने कहा था कि वह 17 दिसंबर को इस मामले में फैसला सुनाएगी। अदालत ने 19 नवंबर को मुशर्रफ के खिलाफ 3 नवंबर, 2007 को राज्य आपातकाल घोषित करने के मामले में मुकदमे की कार्यवाही समाप्त कर दी। अदालत उपलब्ध रिकॉर्ड के आधार पर 28 नवंबर को फैसले की घोषणा करने वाली थी लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा घोषणा के खिलाफ याचिका दायर करने के बाद फैसले को रोक दिया। 2016 से, मुशर्रफ बीमारी की इलाज के नाम पर दुबई में रह रहे हैं और तब से देश नहीं लौटे हैं। इस मामले में वह वांटेड हैं। पूर्व नेता का उच्च राजद्रोह का मुकदमा दिसंबर 2013 से लंबित था, तब उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया था।
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2014 में किया गया था आरोपित
उन्हें 31 मार्च, 2014 को आरोपित किया गया था और अभियोजन पक्ष ने उसी वर्ष सितंबर में विशेष अदालत के समक्ष पूरे सबूत पेश किए थे। मार्च 2016 में बीमारी की इलाज के नाम पर मुशर्रफ देश छोड़कर चले गए थे। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को तब फरार घोषित किया गया था क्योंकि वह बार-बार समन के बावजूद अदालत में पेश होने में असफल रहे और फिर, अदालत ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को उन्हें गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया।