बांग्लादेश में जनवरी में होंगे संसदीय चुनाव
विपक्षी दल चाहते हैं कि सत्तारूढ़ अवामी लीग की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना इस्तीफ़ा देकर चुनाव से पहले सत्ता कार्यवाहक सरकार को सौंप दे.लेकिन शेख़ हसीना ने इस मांग को ख़ारिज़ कर दिया है.इससे गुस्साए विपक्षी दलों ने मंगलवार से 48 घंटे के रेल, सड़क और जलमार्गों के देशव्यापी बंद का आह्वान किया है.बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार की निगरानी में चुनाव की व्यवस्था रही है लेकिन शेख़ हसीना ने साल 2011 में इस व्यवस्था को ख़त्म कर दिया था.मुख्य चुनाव आयुक्त काज़ी रकीबुद्दीन अहमद ने कहा है कि उनका संगठन आगामी चुनाव को शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएगा.उन्होंने कहा, ''मैंने तमाम राजनीतिक दलों से जनता की भावना का ख्याल रखने और शांति-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है.''गतिरोध जारी
पिछले हफ़्ते शेख़ हसीना ने कई दलों को मिलाकर एक गठजोड़ बनाया है और अपनी विरोधी बांग्लादेशी नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख ख़ालिदा ज़िया को उनकी इच्छा के अनुरूप पद देने की पेशक़श की थी.लेकिन ख़ालिदा ज़िया ने हसीना की ये पेशक़श ठुकरा दी है.दोनों ही महिलाएं एक-दूसरे को कई वर्षों से कड़ी टक्कर दे रही हैं.
अहमद ने बताया कि उन्होंने इन दोनों के बीच सुलह कराने के लिए राष्ट्रपति अब्दुल हामिद से मध्यस्थ की भूमिका निभाने का आग्रह किया है.बीएनपी को आशंका है कि अवामी लीग के सत्ता में रहते चुनाव कराए गए तो इसमें बड़े पैमाने पर धांधली होगी.