Parliament Special Session : पार्लियामेंट में बजट सेशन मानसून सेशन व विंटर सेशन तो हर साल होते हैं लेकिन इन दिनों बुलाया गया स्पेशल सेशन काफी ज्यादा चर्चा में हैं। यहां जानें आजादी के बाद अब तक कितनी बार बुलाया गया यह स्पेशल सेशन...

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Parliament Special Session : पार्लियामेंट का स्पेशल सेशन फाइनली शुरू हो चुका है। कल सोमवार को पुराने संसद भवन में शुरू हुए 5 दिन के स्पेशल सेशन की प्रोसीडिंग आज 19 सितंबर से नए संसद भवन में शिफ्ट हो गयी है। स्पेशल सेशन के दौरान तमाम अहम मुद्दों पर चर्चा होनी है। गाैर करने वाली बात यह है कि यह स्पेशल सेशन काफी ज्यादा चर्चा में हैं क्योंकि पार्लियामेंट में बजट सेशन, मानसून सेशन व विंटर सेशन तो हर साल होते हैं। बजट सत्र आमतौर पर सबसे लंबा होता है। यह जनवरी के अंत में शुरू होता है, अप्रैल के अंत तक समाप्त होता है और इसमें बजट पर विचार करने के लिए संसदीय स्थायी समितियों के लिए एक अवकाश भी शामिल होता है। इसके बाद मानसून सत्र होता है जो जुलाई में शुरू होता है और अगस्त में समाप्त होता है। शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर से दिसंबर तक आयोजित किया जाता है। वहीं पार्लियामेंट स्पेशल सेशन रेयर होता है। यहां जानें अब तक कितनी बार बुलाया गया यह स्पेशल सेशन...


पार्लियामेंट स्पेशल सेशन की टाइमलाइन

1947 में
भारत की स्वतंत्रता का जश्न मनाने और ब्रिटिशों से सत्ता हस्तांतरण को चिह्नित करने के लिए संसद का पहला विशेष सत्र 14 और 15 अगस्त, 1947 को बुलाया गया था।

1962 में
भारत-चीन युद्ध के दौरान, विस्तारित शीतकालीन सत्र में चीन पर एक भारतीय संसदीय प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें चीनियों द्वारा कब्जा किये गये क्षेत्र को वापस पाने का वादा किया गया था।

1972 में
भारत की स्वतंत्रता की रजत जयंती मनाने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया गया था।

1977 में
अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नागालैंड में राष्ट्रपति शासन की अवधि बढ़ाने के लिए राज्यसभा का दो दिनों का विशेष सत्र आयोजित किया गया था।

1991 में
अनुच्छेद 356(3) के प्रावधानों के तहत, हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए 3 जून और 4 जून को एक और दो दिवसीय विशेष सत्र (158 वां सत्र) आयोजित किया गया था। इन दोनों अवसरों पर राज्यसभा की बैठक हुई जब लोकसभा भंग थी।

1992 में
'भारत छोड़ो आंदोलन' की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 9 अगस्त को मध्यरात्रि सत्र बुलाया गया था।

1997 में
भारत की आज़ादी के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक मध्यरात्रि सत्र बुलाया गया था।

2008 में
वाम दलों द्वारा मनमोहन सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए जुलाई में लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।

2012 में
लोकसभा और राज्यसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक विशेष बैठक बुलाई गई थी।

2015 में
संविधान दिवस मनाने के लिए दो दिवसीय सत्र बुलाया गया था।

2017 में
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के लिए दोनों सदनों का संयुक्त मध्यरात्रि सत्र बुलाया गया था।

2019 में
संविधान की 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए केंद्रीय कक्ष में एक विशेष बैठक बुलाई गई थी

Posted By: Shweta Mishra