पहले जो काम टॉफी खिलौने या दूसरी चीजें देकर या फिर मार पिटाई और दूसरी सज़ाओं से होता था अब इन दिनों टेबलेट और एप से हो रहा है.


नए दौर के बच्चों पर किए गए एक रिसर्च से पता चला है कि टैबलेट इस्तेमाल करने वाले बच्चों की संख्या बड़ी तेज़ी से बढ़ी है.हालांकि रिसर्च से ये भी पता चला है कि टैबलेट इस्तेमाल के समय का उपयोग मां-बाप बच्चों को सज़ा या ईनाम देने के लिए कर रहे हैं.टीवी से ज़्यादा इंटरनेटरिसर्च में कहा गया है, "मां बाप टैबलेट को पसंद करते हैं क्योंकि इस पर नियंत्रण किया जा सकता है. बच्चों को अच्छे या खराब व्यवहार पर टैबलेट दिया या वापस लिया जा सकता है. यह काम डेस्कटॉप कंप्यूटर में संभव नहीं है."
टेबलेट के एप बच्चों को अच्छे कामों के लिए ईनाम के तौर पर मिल सकती है. रिसर्च निदेशक साइमन लेगेट का कहना है कि टेबलेट कंप्यूटर बच्चों की निजी जागीर समझी जाने लगी है और ऐसे में इन पर रोक लगाने की बहस बहुत भारी विषय बन गया है.इंटरनेट बुनियादी अधिकाररैनसन ने ये चेतावनी भी दी है कि बच्चों के टैबलेट के साथ ज़्यादा वक्त बिताने के कारण परिवार के साथ गुजरने वाले खट्टे-मीठे पलों में कमी आई है.


आजकल बच्चे औसत रूप से हर रात ऑनलाइन गतिविधियों में ज्यादा वक्त बीता रहे हैं और यह पूरे हफ़्ते स्कूल के बाहर खेल में बीतने वाले समय से भी ज़्यादा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh