पैरालंपिक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे अफगानी एथलीट, इतिहास रचने जा रही महिला खिलाड़ी का टूटा सपना
टोक्यो (रायटर्स)। इंटरनेशनल पैरालंपिक कमेटी (आईपीसी) के अध्यक्ष ने बुधवार को कहा कि यह दुखद है कि काबुल में फंसे अफगान एथलीट खेलों में प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे। साथ ही उन्होंने मदद के लिए गुहार लगा रही एक महिला एथलीट के वीडियो की भी चर्चा की और इसे दिल दहला देने वाला बताया। आईपीसी के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने कहा, "अफगानिस्तान में कोई कर्मशियल उड़ानें नहीं हैं। हम सभी ने काबुल में हवाई अड्डे से तस्वीरें देखी हैं। यह शुरू से ही हमारे लिए स्पष्ट हो गया था कि इन एथलीटों को टोक्यो लाने की कोशिश करने का कोई सुरक्षित तरीका नहीं होगा।"
महिला एथलीट ने लगाई मदद की गुहार
अफगानिस्तान में जारी उथल-पुथल के बीच, अफगानिस्तान पैरालंपिक समिति ने सोमवार को कहा कि दो अफगान एथलीट 24 अगस्त से शुरू होने वाले खेलों में शामिल नहीं हो पाएंगे। अफगान की तरफ से ताइक्वांडो एथलीट जकिया खुदादादी और ट्रैक एथलीट हुसैन रसौली 17 अगस्त को टोक्यो पहुंचने वाले थे। मगर अब वे पैरालंपिक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। एक वीडियो मैसेज में, खुददादी ने मंगलवार को मदद की गुहार लगाई क्योंकि वह पैरालंपिक खेलों में देश की पहली महिला प्रतियोगी बनने जा रही थी। मगर अब उनका यह सपना टूट गया।
टूट गया सपना
पार्सन्स ने कहा, "मैंने वीडियो संदेश देखा। अफगानिस्तान में क्या हो रहा है और यह हमारे एक एथलीट के सपने को चकनाचूर कर रहा है, यह वास्तव में दुखद है और यह वास्तव में मेरा दिल तोड़ देता है।" पार्सन्स ने कहा कि समिति उसके सपने को फिर से पूरा करने के लिए अफगान टीम के साथ काम करेगी, जिसमें संभवतः 2024 में पेरिस में खेलों में प्रतिस्पर्धा भी शामिल है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालत देखकर पार्सन्स ने कहा, "यह कुछ ऐसा है जो खेल से बड़ा है। हम सबसे पहले अफगानिस्तान में एक राष्ट्र के रूप में और मनुष्यों के साथ, विशेष रूप से उस राष्ट्र की महिला के लिए चिंतित हैं। मुझे लगता है कि पहले, राष्ट्र को खुद को परिभाषित करने की आवश्यकता है।"