सावधान पैरासेटामॉल दिमाग की गलतियां पकड़ने की क्षमता पर डालती है असर
क्या है पैरासेटामॉल
पैरॉसेटामॉल एक ऐसी दवा है जो आमतौर पर बुखार, बदन दर्द और सिरदर्द जैसी स्थितियों में इस्तेमाल होती है। ये ऐसा पेनकिलर जो क्रोसिन, टाइननॉल और कैल्पॉल जैसी दवाओं में काफी इस्तेमाल होता है। कम ही लोग जानते हें कि इसके साइड इफेक्ट भी होते हैं।
एक शोध में सामने आया सच
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया की एक संयुक्त स्टडी में पता चला कि यह दवा इंसानी दिमाग पर नुकसानदायक असर डालती है। कहा जा रहा है कि ये अपने किस्म की पहली न्यूरोलॉजिकल स्टडी जिसने पैरासेटामॉल में पाये जाने तत्व एसिटमिनफन के प्रयोग से इस बात को प्रमाणित किया है।
कैसे किया टेस्ट
शोधकर्ताओं ने एसिटमिनफन के असर को जांचने के लिए 30-30 लोगों के दो समूह बनाए और उन पर एक टेस्ट किया। एक समूह के लोगों को करीब 1000 मिलीग्राम एसिटमिनफन दिया गया और एक को नहीं। उसके बाद उनसे कहा गया कि वे एफ बटन पर लाइट जलने पर उसे प्रेस करें और ई जलने पर खुद को ऐसा करने से रोकें। इस टेस्ट को गो और नो गो नाम दिया गया। समूह के लोगों की दिमागी प्रतिक्रिया को मॉनीटर करने के लिए इलेक्ट्रोएनसेफलग्राम (EEG) का प्रयोग किया गया।
ऐसा रहा शोध का परिणाम
पता चला कि जिस समूह के लोगों को एसिटमिनफन दिया गया था उनके दिमाग ने लाइट जलने पर काफी धीमी प्रतिक्रिया दी यानि इन लोगों ने या तो देर में बटन दबाया या दबाया ही नहीं। इससे पता चला कि एसिटमिनफन से युक्त पैरासेटामॉल इंसान के दिमाग की गलतियां पहचानने के क्षमता को काफी हद प्रभावित करती है।