यरुशलम में भारी हिंसा प्रदर्शन के बाद फिलिस्तीन ने अमेरिका से बुलाया अपना राजदूत
राजदूत को वापस बुला लियारमल्लाह (एएफपी)। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने अमेरिका से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है। विदेश मंत्रालय द्वारा यह घोषणा इजराइल में अमेरिकी दूतावास के उद्घाटन को लेकर शुरू हुए वरोध और हिंसा प्रदर्शन के एक दिन बाद की गई है। वाशिंगटन में फिलिस्तीन लिबरेशन संगठन के कार्यालय के प्रमुख हुसम ज़ोमलोट ने एक बयान में कहा कि वे बुधवार को फिलीस्तीनी क्षेत्रों में लौट जायेंगे। फिलहाल यह नहीं बताया गया है कि ज़ोमलोट को कितने दिन के लिए फिलिस्तीन में वापस बुलाया गया है।दूतावास को लेकर विवाद
गौरतलब है कि अमेरिका ने सोमवार को तेल अवीव से अपना दूतावास शिफ्ट कर यरुशलम में खोलने का फैसला किया था। अमेरिका के इस कदम से फिलिस्तीनी भड़क गए और इजराइली सैनिकों के साथ मारपीट कर दी। इस दौरान इजराइली बलों की गोलीबारी में गाजा में कम से कम अब तक 60 लोग मारे गए और लगभग 2400 से अधिक लोग घायल हुए। ट्रंप ने कुछ नहीं किया
वाशिंगटन के ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन थिंक टैंक में फिलीस्तीनी नेतृत्व के पूर्व सलाहकार खालिद एल्गीन्डी ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले को शांत करने के लिए कुछ भी नहीं किया, उन्हें कम से कम इजराइली सेना को फिलिस्तीन प्रदर्शनकारियों पर गोलबारी करने से रोकना चाहिए।' इसके अलावा बता दें कि इस मामले में अल कायदा आतंकी अयमान-अल-जवाहिरी ने भी रविवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हए अमरीका को जेहाद की धमकी भी दे दी। उसने कहा कि अमेरिका का यरुशलम में अपना दूतावास शिफ्ट करना इस बात का प्रूफ है कि फिलिस्तीन के साथ बातचीत और शांति की कोशिशें नाकाम हो चुकी हैं। अब मुस्लिमों को अमेरिका के खिलाफ जिहाद करना चाहिए।यरुशलम की आबादीयरुशलम की आबादी 8.82 लाख है। शहर में 64 फीसद यहूदी, 35 फीसद अरबी और एक फीसद अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। शहर का क्षेत्रफल 125.156 वर्ग किमी है। इजरायल और फलस्तीन, दोनों ही अपनी राजधानी यरुशलम को बनाना चाहते थे। इस ऐतिहासिक शहर में मुस्लिम, यहूदी और ईसाई समुदाय की धार्मिक मान्यताओं से जुड़े प्राचीन स्थल हैं।यरुशलम में अमेरिकी दूतावास खुलने को लेकर भड़की हिंसा, 58 की मौत और 2,700 घायलउत्तर कोरिया की अमेरिका को चेतावनी, एटम बम खत्म करने का बनाया दबाव तो खत्म कर देंगे वार्ता