पाकिस्‍तान द्वारा बड़ी संख्‍या में आतंकियों को फांसी देने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. गौरतलब है कि पेशावर में आतंकी हमले के बाद पाकिस्‍तान सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा अभियान शुरु कर दिया है जिसके चलते कई आतकियों को फांसी पर चढ़ाया जा चुका है. फिलहाल अब कई मानवाधिकार संगठन इसके विरोध में उतर आये हैं.

स्थिति काफी चिंताजनक
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल पाकिस्तान की इस हरकत के बाद सक्रिय हो गया है. इस संगठन का कहना है कि, मौत की सजा पाने वाले 500 और आतंकवादियों को फांसी पर चढ़ाने की पाकिस्तान की योजना 'काफी चिंताजनक' है तथा तालिबान के साथ संघर्ष से नागरिकों की रक्षा के मामले में इस कदम से कुछ भी हासिल नहीं होगा. एमनेस्टी इंटरनेशनल के एशिया प्रशांत उपनिदेशक डेविड ग्रिफिथ्स ने कहा, 'पाक सरकार द्वारा फांसी की योजना से संबंधित आंकड़े काफी चिंताजनक है और इससे उस सरकार की ओर से व्यपक प्रतिगमन का संकेत मिलता है, जो पिछले हफ्ते तक फांसी पर रोक को कायम रखे हुये थे.'
हिंसा के बराबर है फांसी
दरअसल इस संगठन का मानना है कि पेशावर हमले के बाद पाक सरकार काफी व्यथित हो गई है, जिसके चलते इस तरह के फैसले लिये जा रहे हैं. इस मामले पर ग्रिफिथ्स ने यह भी कहा कि, पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते पेशावर में भीषण तबाही देखी, लेकिन मृत्युदंड पर लौटना और सरकार द्वारा सुलाझाये जाने के लिये पड़ी समस्याओं को सुलझाने के बजाये बड़ी संख्या में फांसी देने की घोषणा काफी चिंतनीय है. यह हिंसा के जोखिम और मानवाधिकार उल्लंघन के नजरिये से चिंताजनक है.
500 आतंकवादी है लिस्ट में
आपको बताते चलें कि पाकिस्तान इन दिनों आतंकियों को फांसी पर चढ़ाये जा रही है. पाकिस्तान ने कहा था कि वह मौत की सजा पाये 500 आतंकवादियों में से कम से कम 55 और आतंकियों को फांसी देने की तैयारी कर रहा है. गौरतलब है कि इनकी दया याचिकायें मृत्युदंड पर साल 2008 की रोक खत्म होने के बाद खारिज हो गई थीं.   

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari