पाकिस्तान के पूर्व सैन्य राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने गिरफ्तारी दे दी है. मुशर्रफ ने खुद को पुलिस के हवाले किया है और पुलिस उन्हें लेने के लिए उनके फार्महाउस पर गई थी जहां वह रेंजरों की सुरक्षा में बुलेट प्रूफ़ कार में अदालत आए.

इस्लामाबाद पुलिस ने मुख्य आयुक्त इस्लामाबाद को पत्र लिखा है कि मुशर्रफ को सुरक्षा चिंताओं हैं इसलिए उनके घर ही सब जेल घोषित किया जाए जिस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ढीला-ढाला कुर्ता पजामा पहने मुशर्रफ़ को जब पुलिस घेरे में अदालत ले जा रही थी तो उनके चेहरे पर तनाव साफ़ देखा जा सकता था.

उन्होंने इस्लामाबाद में आत्मसमर्पण किया है. बीबीसी संवाददाता शहज़ाद मलिक के मुताबिक पूर्व सैन्य राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ अब से ज़रा पहले इस्लामाबाद में न्यायिक मजिस्ट्रेट के अदालत में पेश हुए हैं.

इसके पहले गुरूवार को मुशर्रफ़ की गिरफ्तारी के अदालती आदेश के बावजूद उन्हें गिरफ़्तार न करने पर इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख को 19 अप्रैल, यानी आज, इस्लामाबाद हाई कोर्ट में तलब किया गया था.

हाई कोर्ट ने मुशर्रफ़ के जमानत रद्द करने के फ़ैसले के बाद कहा था कि जब यह फ़ैसला हो रहा था तब हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने अदालत को सूचित किया कि था कि जनरल मुशर्रफ़ के निजी गार्ड ने उन्हें स्थानीय पुलिस के सामने गिरफ़्तारी देने के बजाय अदालत से भगाने में मदद कर रहे हैं.

रिपोर्ट दें
अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक या आईजी से मुशर्रफ़ की मदद करने वाले लोगों और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन न करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी थी.

इन बातों पर गुरूवार को आईजी का कहना था, “हमारा मानना है कि देश में सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है इसलिए मुशर्रफ़ को उनके घर में रहने देना चाहिए. वह इस्लामाबाद में ही रहेंगे और जब भी अदालत तलब करेगी वह उपस्थित होंगे.” परवेज़ मुशर्रफ़ की गिरफ़्तारी का आदेश सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में रखने के मामले में दिया गया है.

मामला
मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने गुरुवार को परवेज़ मुशर्रफ़ की अंतरिम जमानत को रद्द कर दिया. वकीलों ने अदालत में मांग की थी कि जनरल मुशर्रफ़ पर अपने शासन काल के दौरान आपातकाल लागू करने और 2007 में वरिष्ठ जजों को बर्खास्त करने का मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.

हाल ही में, जजों की बर्खास्तगी के मामले पर परवेज़ मुशर्रफ़ ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था, "उस वक्त मैं लोकतांत्रिक व्यवस्था को लागू करने की कोशिश कर रहा था और उस कोशिश में कुछ कड़ी कार्रवाइयां करनी पड़ीं, जो मैंने कीं. जजों की बर्ख़ास्तगी का मामला उस वक्त की जरूरत थी, इसलिए ऐसा करना सही था.

जनरल मुशर्रफ़ को 2008 में सत्ता से हटा दिया गया था जिसके बाद वो विदेश चले गए थे. लेकिन मई में होने वाले आम चुनाव में शिरकत करने के लिए वो पाकिस्तान लौटे हैं पर उनका सभी जगह से नामांकन रद्द हो चुका है.

 

 

 

Posted By: Garima Shukla