आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद दावा को प्रतिबंधित करेगा पाकिस्तान
पाक में 72 प्रतिबंधित संगठन
पाकिस्तान में अब प्रतिबंधित संगठनों की संख्या 72 तक पहुंच चुकी है. फिलहाल 23 प्रतिबंधित संगठन छद्म नामों से सक्रिय हैं. अमेरिका द्वारा तहरीक-ए तालिबान के सरगना मुल्ला फजलुल्ला को अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की श्रेणी में रखने के बाद पाकिस्तान सरकार, विपक्षी दल और सैन्य नेतृत्व ने साझा फैसले में इन आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया. यह निर्णय आतंक के खिलाफ राष्ट्रीय कार्रवाई योजना के तहत लिया गया.
सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव
एक्सपर्ट के अनुसार यह पाकिस्तान की सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव है. उनका मानना है कि अमेरिका, भारत और अफगानिस्तान निश्चत तौर पर इस निर्णय का स्वागत करेंगे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी जमात-उद दावा को लश्कर का मुखौटा संगठन मान चुकी है. यही वजह है कि यूएन और अमेरिका इस संगठन के कई नेताओं पर प्रतिबंध लगा चुका है. जलालुद्दीन हक्कानी द्वारा स्थापित आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क को वर्ष 2008 में काबुल स्थित भारतीय दूतावास और वर्ष 2011 में अमेरिका के दूतावास पर हमले का जिम्मेदार माना जाता है. इसके अलावा इस नेटवर्क का कई और बड़े हमलों में हाथ रहा है. अमेरिका सितंबर, 2012 में ही हक्कानी नेटवर्क को आतंकी संगठन की सूची में डाल दिया था.
कौन-कौन हैं ब्लैक लिस्टेड
अब अगर इस ब्लैक लिस्ट की बात करें, तो इसमें हरकत-उल मुजाहिदीन, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (जमात से जुड़ा संगठन), उम्माह तामिर-ए-नउ, हाजी खैरुल्ला हाजी सत्ता मनी एक्सचेंज, राहत लिमिटेड, रोशन मनी एक्सचेंज, अल अख्तर ट्रस्ट, अल राशिद ट्रस्ट आदि के नाम शामिल हैं. हालांकि जमात-उद दावा प्रवक्ता आसिफ खुर्शीद ने कहा, 'जमात विशुद्ध रूप से एक कल्याणकारी और चैरिटी संस्था है. यह कभी भी बुरे कामों में शामिल नहीं रहा है. यहां तक कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट भी हमारे पक्ष को जायज ठहरा चुका है.'