इस्‍लामाबाद में लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच शनिवार को पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कुबूल किया कि पाकिस्‍तान का शासन चलाना आसान काम नही है. उनका यह बयान उनकी मजबूरी को बयां करने के लिए अपने आप में काफी है. राजधानी इस्‍लामाबाद में जहां उनके आवास के सामने प्रदर्शनकारी पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं वहीं पूरे पाक में उथल-पुथल का माहौल बना हुआ है.

हारकर संसद से मांगा समर्थन
उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि आखिरकार उन्होंने अपनी नाकामी को कुबूल कर लिया है. इसके साथ ही शरीफ ने गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत के नाकाम होने के बाद अब संसद से सभी दलों का समर्थन मांगा है. प्रधानमंत्री के समर्थन और सियासी संकट पर चर्चा के लिए बुलाई गई संसद के आपातकालीन संयुक्त सत्र के चौथे दिन शरीफ ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष सरकार को समर्थन देने के अपने रास्ते पर चलना जारी रखेगा. यहां गौर करने वाली बात यह है कि सियासी संकट की वजह से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पाकिस्तान का अपना पहला दौरा रद्द करना पड़ा है. विरोध प्रदर्शनों के बीच संसदीय दलों में एकता की अपील करते हुए शरीफ ने कहा कि विपक्ष ने मुझे इस्तीफा न देने का अनुरोध किया है. मुझे सत्ता की परवाह नहीं है लेकिन यह भी सच है कि पाकिस्तान का प्रधानमंत्री होने के नाते पाकिस्तान का शासन चलाना आसान नहीं है. सरकार और इमरान खान की अगुवाई वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और धर्मगुरु ताहिर उल-कादरी के पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) से संबंधित प्रदर्शनकारी समूहों के बीच रात भर चली बातचीत नाकाम होने के बाद शरीफ ने यह बयान दिया है.
यह है पीटीआई और पीएटी की प्रमुख मांग
पीटीआई और पीएटी की प्रमुख मांग यह है कि शरीफ प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दें. पीटीआई की वार्ता टीम में शामिल एक प्रमुख सदस्य ने इस बात से इनकार किया कि पार्टी सरकार के साथ एक करार कर राजनीतिक गतिरोध खत्म करने के करीब पहुंच गई थी. पीटीआई के नेता आरिफ अलवी ने एक न्यूज चैनल को बताया कि दोनों पक्ष चुनाव सुधारों और एक न्यायिक आयोग के गठन के प्रस्तावों पर सहमत हुए हैं. हमारी बाकी मांगों पर कोई प्रगति नहीं हुई है. सरकार की वार्ता टीम ने पीटीआई की टीम से मुलाकात की पर दोनों पक्षों से बात बनने के कोई संकेत नहीं मिले.
शरीफ ने मांगी माफी
नवाज शरीफ ने अहसन और नेता प्रतिपक्ष खुर्शीद शाह से माफी मांगी और कहा कि सभी दलों को अपने मतभेद दरकिनार करने की जरूरत है.पीटीआई प्रमुख ने कहा कि अगर चीनी राष्ट्रपति ने अपना दौरा टाल दिया है तो इसमें उनका कोई कसूर नहीं है. उन्होंने इस आरोप को नकार दिया कि खान के प्रदर्शनों की वजह से चीनी राष्ट्रपति की सुरक्षा टीम ने उन्हें मंजूरी नहीं दी.

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Posted By: Ruchi D Sharma