अमेरिकी खूफिया एजेंसी 'सीआईए' ने अपनी ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पाकिस्‍तानी सुरक्षा अधिकारियों ने वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर हमले के लिए जिम्‍मेदार आतंकियों से पूछताछ में भाग लिया था. रिपोर्ट के अनुसार पाक अधिकारियों द्वारा पूछताछ के बाद ही इन आतंकियों को अमेरिका को सौंपा गया था.


पाक अधिकारियों ने की पूछताछअमेरिकी खूफिया एजेंसी 'सीआईए' ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी जांच अधिकारियों ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले में शामिल आतंकियों की शुरूआती जांच में भाग लिया था. रिपोर्ट कहती है कि 9/11 हमले के आरोपियों से पहले दौर की जांच में पाक जांच अधिकारियों ने भाग लिया था. इसके बाद ही इन आतंकियों को अमेरिकी जांच एंजेसियों के हवाले किया गया था. इसके साथ ही पाक अधिकारियों ने सीआईए की 9/11 हमलों के बाद पकड़े गए आतंकियों के महत्व का आकलन करने और उनके साथ पूछताछ करने की स्ट्रेटजी बनाने में मदद की थी. रिपोर्ट में हैं टार्चर की कहानियां
यह रिपोर्ट सीआईए के कैदखानों में दिए जाने वाले टॉर्चर की दिल दहला देने वाली कहानियों से भरी है. दरअसल सीआईए ने 9/11 हमले के आरोपियों से सच उगलवाने के लिए कई ऐसे तरीकों को यूज किया था जिनसे इंसानियत की भी रूह कांप सकती है. इन तरीकों में सोने ना देना, न्यूड रख कर प्रताड़ना देना और वाटर बोर्डिंग शामिल है. गौरतलब है कि खालिद शेख मोहम्मद को 1 मार्च 2013 को गिरफ्तार करके पाकिस्तान में रखा गया था जिसके बाद पाकिस्तानी आधिकारियों ने पूछताछ की थी. उल्लेखनीय है कि खालिद को कई घंटों तक जगा कर रखा गया था जिससे वह अपनी जबान खोल दे. खालिद के साथ टॉर्चर की इंतहाइस रिपोर्ट में खालिद शेख मोहम्मद के साथ किए टॉर्चर के बारे में बताया गया है. खालिद वही आतंकी है जिसने 9/11 हमले की साजिश रचने की बात स्वीकारी थी. रिपोर्ट कहती है कि खालिद को साल 2003 में लगातार 25 घंटों तक पांच वॉटर बोर्डिंग सेशन और कुल 183 बार ऐसे टॉर्चर से होकर गुजरना पड़ा. उल्लेखनीय है कि वॉटरबोर्डिंग सेशन के दौरान टॉर्चर किए जा रहे आतंकी को जमीन पर लिटा दिया जाता है. इसके बाद आतंकी के चेहरे पर एक मोटा कपड़ा रख दिया जाता है. इसके बाद कैदी के चेहरे पर लगातार पानी डाला जाता है. आतंकी के मुंह पर गीला कपड़ा पड़ा होने की स्थिति में लगभग 40 सेकेंड के लिए सांस लेना मुश्किल होता है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra