पाकिस्तान की राजनीति में बवाल, संसद भंग करने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में आज सुनवाई
इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तान का सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को उपसभापति द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और राष्ट्रपति द्वारा संसद भंग करने के मामले में सुनवाई करेगा। कोर्ट ने देश के मौजूदा राजनीतिक हालातों पर स्वत: संज्ञान लिया है। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधान मंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया था। इसके साथ ही संसद में इमरान के खिलाफ आ रहा अविश्वास प्रस्ताव भी खारिज हो गया।
भंग की गई नेशनल असेंबली
मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा शुरू किए गए सभी आदेश और कार्रवाई अदालत के आदेश के अधीन होंगे। हालांकि इस पर कल ही संज्ञान ले लिया गया था मगर हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई। आज इस पर फिर से सुनवाई होगी। तीन सदस्यीय पीठ ने वीकेंड के बावजूद प्रारंभिक सुनवाई की और राष्ट्रपति अल्वी और एनए सूरी के उपाध्यक्ष सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को कोई "असंवैधानिक" उपाय नहीं करने का आदेश दिया और सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
अदालत में होगा फैसला
पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि प्रधान मंत्री खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के लिए डिप्टी स्पीकर द्वारा नेशनल असेंबली में दिया गया फैसला "अंतिम" था और इसे किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती थी। सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए, खान के करीबी ने कहा कि एनए के डिप्टी स्पीकर का फैसला अविश्वास प्रस्ताव पर संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद आया है। इससे पहले, विपक्ष ने शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट बार के अध्यक्ष अहसान भून ने कहा कि प्रधान मंत्री और डिप्टी स्पीकर की कार्रवाई संविधान के खिलाफ थी और "संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।