पाकिस्तान चुनाव : इमरान खान 119 सीटों पर आगे, पीटीआई बन सकती है सबसे बड़ी पार्टी
इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इमरान खान की पाकिस्तान तेहरिक-ए-इंसाफ (पीटीआई) शुरुआती गिनती में 119 सीटों पर आगे चल रही है। जिसके चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि पीटीआई देश की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। 65 वर्षीय इमरान खान की पार्टी पीटीआई नेशनल असेंबली क्षेत्रों के 272 सीटों में से 119 पर आगे है जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 65 सीटों पर पीछे है।
कुछ ही घंटों में घोषित होंगे परिणाम
इसके अलावा शुरूआती गिनती में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी 44 सीटों पर आगे बढ़ रही है जबकि अन्य 17 सीटों पर आगे हैं। पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने आधिकारिक तौर पर सुबह 4.00 बजे पहले परिणाम की घोषणा की। कुछ ही घंटों में अंतिम नतीजों की घोषणा भी कर दी जायेगी, शुरूआती परिणामों से यही पता चलता है कि पीटीआई नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी।
ऐसे होता है चुनाव
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्यों की संख्या 342 होती है लेकिन इनमें से सिर्फ 272 सदस्य ही सीधे मतदान के जरिए चुने जाते हैं। इसके अलावा अन्य 70 उम्मीदवारों के लिए चुनाव नहीं होता है। इन 70 सीटों में से 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं और 10 सीटें पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए आरक्षित होती हैं। इनका चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व नियम के तहत होता है। किसी भी एक पार्टी को बहुमत के लिए 137 सीटों की जरूरत होती है तभी वो सरकार बना पाती है।
सभी सर्वे इमरान के पक्ष में
बता दें कि नवाज शरीफ की पार्टी के समर्थकों ने बीते दिनों पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाया था कि वो आम चुनाव में इमरान खान को जिताने का प्रयास कर रही है। हालांकि सेना ने इस आरोप को ख़ारिज कर दिया था। पाकिस्तान के चुनावों में इस बार तीन बड़े चेहरे उभर कर सामने आए और वह शाहबाज शरीफ (पीएमएल-एन), इमरान खान (पीटीआई) और बिलावल अली भुट्टो (पीपीपी) हैं। नवाज शरीफ अयोग्य करार दिए जाने के चलते चुनाव नहीं लड़ पाए, उनकी जगह पार्टी की तरह से उनके भाई शाहबाज शरीफ उम्मीदवार रहे लेकिन उनका खास असर नहीं देखा गया। इसके बाद 29 वर्षीय बिलावल अली भुट्टो ने पहली बार चुनाव लड़ा, भले ही वो राजनीतिक परिवार से हैं लेकिन उन्हें इस क्षेत्र में अनुभव थोड़ा कम है इसलिए माना गया कि पीटीआई और पीएमएल-एन को शायद ही वो कड़ी टक्कर दे पाएंगे। इसी तरह सभी सर्वे इस बार इमरान खान के पक्ष में थे और उम्मीद की जा रही थी कि वे ही चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं।