पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर यूसुफ रजा गिलानी अपने बयानों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहते हैं. कहा तो यह जाता है कि वे बयान बदलने में एक्सपर्ट हैं.


गिलानी द्वारा सेना और खुफिया प्रमुख के खिलाफ दिए गए अपने बयान को वापस लेने के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने उन्हें ‘अप्रत्याशित’ व्यक्ति करार दिया है. अखबार ‘डेली टाइम्स’ में शुक्रवार को पब्लिश एडिटोरियल में गिलानी के पल-पल बदलते रवैये को लेकर कमेंट किया गया है.  इसमें लिखा है कि वह एक पल में आग उगलने लगते हैं और अगले ही पल मोम की तरह पिघल जाते हैं. गिलानी ने पहले कहा था कि गोपनीय पत्र मामले को लेकर सेना प्रमुख अशफाक परवेज कियानी और खुफिया प्रमुख शुजा पाशा द्वारा अदालत में दाखिल किए गए हलफनामे असंवैधानिक और गैरकानूनी हैं. उनके इस बयान से सियासत में भूचाल आने के साथ ही सैन्य तख्तापलट की आशंका गहरा गई थी.


बीते बुधवार को गिलानी ने अपना बयान वापस लेते हुए कहा, ‘मैं इस बात को खत्म कर देना चाहता हूं कि सेना ने संविधान के दायरे से बाहर जाकर काम किया या नियमों को तोड़ा.’ उन्होंने सफाई दी थी कि वह बयान उन विषम परिस्थितियों में दिया था, जब सरकार तमाम संकटों से घिरी थी। वर्तमान में सरकार और सेना के बीच कोई गलतफहमी नहीं है. 

संपादकीय में सवाल उठाया गया है कि प्रधानमंत्री इस तरह की बयानबाजी से क्या संदेश देना चाहते हैं? क्या हम ये मान लें देश में इस वक्त सब कुछ सही चल रहा है और सैन्य अधिकारी अपनी सीमा में रहकर काम कर रहे हैं. अगर ऐसा है तो प्रधानमंत्री ने पहले ऐसा बयान क्यों जारी किया? एडिटोरियल में सेना को सर्वाधिक ताकतवर संस्था माना गया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि सरकार ने जिस तरह से इस मामले को निपटाने की कोशिश की है उससे यह नहीं लगता है कि यह निर्वाचित सरकार द्वारा उठाया गया कदम है.

Agency

Posted By: Kushal Mishra