संजय लीला भंसाली की फिल्‍म 'पद्मावती' का विवाद बढ़ता जा रहा है। पहले राजपूतों द्वारा फिल्‍म का विरोध हुआ अब इसकी स्‍पेशल स्‍क्रीनिंग से सेंसर बोर्ड खफा हो गया। दरअसल प्रोड्यूसर्स ने फिल्‍म की 'प्राइवेट स्‍क्रीनिंग' रखी जिसमें देश के कुछ बड़े पत्रकारों को शामिल किया गया। जबकि सेंसर बोर्ड ने अभी फिल्‍म नहीं देखी।


पहले भेजना पड़ता है आवेदनफिल्म बनाने के बाद निर्माताओं को सबसे पहले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सेंसर बोर्ड के पास एक आवेदन भेजना पड़ता है। इसके बाद सेंसर बोर्ड के कुछ सदस्य फिल्म को अकेले देखते हैं। बोर्ड की अनुमति के बिना निर्माताओं को यह अधिकार नहीं कि वह फिल्म कहीं दिखा सकें। पद्मावती को लेकर भंसाली ने यहीं गलती कर दी। उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर पद्मावती की स्पेशल स्क्रीनिंग रख दी जिससे सेंसर बोर्ड प्रमुख प्रसून जोशी नाराज हो गए। फिल्मों में कब लगाए जाते हैं कट
दूसरी बार फिल्म देखने के बाद अगर किसी सीन पर आपत्ति होती है, तो उसे कट किया जाता है। ऐसे में निर्माता के पास मौका होता है कि बताए गए कट लगवाकर फिल्म के लिए वह सर्टिफिकेट ले सकता है, जो वह चाहता है। इसमें सेंसर बोर्ड को कोई आपत्ति नहीं होती। इसके बावजूद अगर फिल्म प्रमाणन को लेकर कहीं दिक्कत आती है तो निर्माता 'फिल्म सर्टिकेशन एप्लेट ट्रिब्यूनल (एफसीएटी) में जाकर अपील कर सकता है। यह कमेटी दिल्ली में बैठती है जिसमें रिटायर्ड जजों को शामिल किया जाता है। वहां पक्ष-विपक्ष की बात सुनने के बाद एफसीएटी जो फैसला देती है उसे निर्माताओं को मानना पड़ता है। अगर फिर भी निर्माता फिल्म सर्टिफिकेट से खुश नहीं होता तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है।सेंसर बोर्ड मुख्यत: 4 तरह के सर्टिफिकेट जारी करता है :अ या U- इन फिल्मों को सभी आयु वर्ग के व्यक्ति देख सकते हैं।अ/व या U/A- इस श्रेणी की फिल्मों के कुछ दृश्यों मे हिंसा, अश्लील भाषा या यौन संबंधित सामग्री हो सकती है, इस श्रेणी की फिल्में केवल 12 साल से बड़े व्यक्ति किसी अभिभावक की उपस्थिति मे ही देख सकते हैं।व (वयस्क) या A - यह वह श्रेणी है जिसके लिए सिर्फ वयस्क यानि 18 साल या उससे अधिक उम्र वाले व्यक्ति ही पात्र हैं।वि (विशेष) या S- यह विशेष श्रेणी है और बिरले ही प्रदान की जाती है, यह उन फिल्मों को दी जाती है जो विशिष्ट दर्शकों जैसे कि इंजीनियर या डॉक्टर आदि के लिए बनाई जाती हैं।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari