कैंसर का पता लगाना आज भी डॉक्टरों के लिए चुनौती है लेकिन कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अब वो दिन दूर नहीं जब कैंसर का पता बहुत शुरुआती दौर में लग जाएगा.

ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय कैंसर अध्ययन संस्थान में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस क्षेत्र में मिली अभूतपूर्व सफलता पर रोशनी डाली.

वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने एक चुहिया में स्तन कैंसर का पता तब लगा लिया था जब उसके भीतर कैंसर से होने वाली सूजन की शुरुआत हुई भी नहीं थी.

वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ एक कैमिकल के कैंसर सेल में डालने से किसी भी तरह के कैंसर का पता उसके शुरुआती दौर में चल सकता है.

शोध की उपयोगिताउनका कहना था इसी विधि को रेडियोथेरेपी के लिए भी आजमाया जा सकता है.

ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय के 'ग्रे इस्टीट्यूट फ़ॉर रेडिएशन ऑन्कोलॉजी एंड बायोलॉजी' के वैज्ञानिक उस प्रोटीन की तलाश कर रहे थे जिसे ‘गामा-एचटूएएक्स’ कहा जाता है.

ये प्रोटीन शरीर में डीएनए के क्षतिग्रस्त होने की अवस्था में निकलता है और यही कैंसर का प्राथमिक स्तर होता है.

वैज्ञानिकों ने इसके लिए एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जो ‘गामा-एचटूएएक्स’ का सबसे बड़ा सहयोगी माना जाता है और इसे शरीर से पूरी तरह खत्म कर देता है.

वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीबॉडी के साथ कुछ रेडियोएक्टिव तत्वों का इस्तेमाल कर इसे किसी भी तरह के कैंसर टेस्ट किए जा सकते हैं.

ऐसे में अगर रेडिएशन एक जगह पर जमा होने लगे तो ये माना जाना चाहिए कि ये भविष्य में होने वाले ट्यूमर की तरफ इशारा कर रहा है.

जबकि, एंटीबॉडी के साथ अधिक रेडियोएक्टिव तत्वों का इस्तेमाल इसके इलाज के तौर पर भी काम आ सकता है.

शोध करने वाली वैज्ञानिक प्रो. कैथरीन वैलीस ने अपनी टीम के साथ मिलकर एक चुहिया पर ये परीक्षण किया.

उनका कहना है, “हमने ट्यूमर के बारे में बहुत पहले पता लगा लिया, यहां तक कि उस वक्त तक ट्यूमर दिखना भी शुरू नहीं हुआ था.”

कैथरीन ने बीबीसी से कहा कि सभी तरह के कैंसर के लिए एक ही टेस्ट हो ये एक सपने की तरह ही है.

हालांकि, ये शोध अभी बिल्कुल शुरुआती दौर में है और इसपर काफी लंबा शोध होना बाकी है.

अगर शोध वृहत स्तर पर भी कामयाब रहा तो निश्चित तौर पर इससे कैंसर जैसी खतरनाक बिमारियों का पता बिल्कुल शुरुआती दौर में चल सकता है साथ ही एक टेस्ट से कई तरह के कैंसर का पता भी लगा पाना संभव हो जाएगा.

 

 

Posted By: Bbc Hindi